उत्तर प्रदेश न केवल चीनी और गन्ना उत्पादन में बल्कि एथेनॉल उत्पादन और खांडसारी इकाइयों की स्थापना में भी देश में अग्रणी: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, उत्तर प्रदेश न केवल चीनी और गन्ना उत्पादन में बल्कि एथेनॉल उत्पादन और खांडसारी इकाइयों की स्थापना में भी देश में अग्रणी है। राज्य गन्ना उत्पादन प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए प्रमाण पत्र वितरण समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, पहले राज्य में गन्ना किसानों को गन्ने के वजन में गड़बड़ी के साथ-साथ रसीदों की चोरी के कारण रसीद प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। जिसका अक्सर किसानों द्वारा विरोध किया जाता था। इसके अतिरिक्त, चीनी मिलों के असमय बंद होने से किसानों को असुविधा होती थी। वर्षों से किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान लंबित था।

वर्तमान स्थिति के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि, जब 2017 में भाजपा सरकार ने राज्य में सत्ता संभाली, तब 2010 से 2017 तक गन्ने के लंबित भुगतानों को निपटाने के लिए एक मिशन मोड पर कदम उठाए गए थे। उन्होंने कहा कि, चीनी मिलों के मालिकों ने समय पर किसानों के लंबित भुगतानों करने के लिए एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने का अनुरोध किया। किसानों के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विभिन्न सुधारों को लागू करने से राज्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी से राज्य की चीनी मिलें अब चीनी के साथ-साथ एथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि यूपी गन्ना, चीनी और एथेनॉल उत्पादन के साथ-साथ खांडसारी इकाइयों की स्थापना में देश में नंबर वन है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शनिवार को लोकभवन में 25 सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि, सहकारी समितियों के भवन खाद और गोदामों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, प्रदेश में ऐसे किसान हैं, जो प्रति हेक्टेयर 2640 क्विंटल गन्ना उपज देकर असंभव को संभव कर रहे है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 3,171 सहकारी महिला स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें 59,000 से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं, जो 60 लाख गन्ना किसानों के साथ मिलकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दे रही हैं।

उन्होंने आगे उल्लेख किया कि, 2007-2017 के बीच गन्ना भुगतान जो लगभग 1 लाख करोड़ था, 2017-2023 के बीच बढ़कर 2,134,00 करोड़ रुपये हो गया और यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों को भुगतान की गई। इसके अतिरिक्त, खांडसारी इकाइयों में अतिरिक्त 500 टन गन्ना पेराई के लिए नकद भुगतान किया गया है और एथेनॉल के लिए भी अलग से भुगतान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, उम्मीद है कि राज्य की सभी 118 चीनी मिलें इस प्रथा को अपनाएंगी जिसमें 100 चीनी मिलें एक से दस दिनों के भीतर किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं। उन्होंने गन्ना विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में पहले से बंद चार चीनी मिलों को फिर से चालू किया गया है और दो नई चीनी मिलें स्थापित की गई है।उन्होंने कहा, चौधरी चरण सिंह को किसानों का ‘मसीहा’ कहा जाता था। उन्होंने 1980 के दशक में छपरौली चीनी मिल के पुनरुद्धार की बात कही थी, लेकिन एक के बाद एक सरकारें आईं और किसानों के बारे में सोचे बिना चली गईं।हमारी सरकार ने छपरौली में एक नई चीनी मिल की स्थापना की पहल की है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि, पिछली सरकारें गन्ना किसानों पर गोलियां चलाती थीं, जबकि आज सरकार नई चीनी मिलें स्थापित कर रही है, जो पूरी क्षमता से काम कर रही है।किसी को भी अन्नदाताओं (किसानों) के साथ खिलवाड़ करने और उनके विकास में बाधक बनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डबल इंजन सरकार इस दिशा में ईमानदारी से काम कर रही है।उन्होंने जोर देकर कहा कि, उत्तर प्रदेश पूरे देश में एकमात्र राज्य है जहां नोवेल कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद लंबे समय तक तालाबंदी के दौरान चीनी मिलों का संचालन जारी रहा।

इसके अलावा, जब महामारी के दौरान सैनिटाइजर की कमी थी, तो चीनी मिलों ने मोर्चा संभाल लिया और राज्य के हर अस्पताल, नगर पालिका और ग्राम पंचायत को मुफ्त सैनिटाइजर मुहैया कराया। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से 27 अन्य राज्यों में भी सैनिटाइजर भेजे गए।सहकारी महिला स्वयं सहायता समूहों, चीनी मिल मालिकों और गन्ना किसानों का उत्तर प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान है।चीनी उद्योग का उत्तर प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 9 प्रतिशत योगदान है। उन्होंने जोर देकर कहा की, चीनी उद्योग का योगदान राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जैविक खेती के महत्व पर बल दिया।

कार्यक्रम के दौरान चीनी उद्योग एवं विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, चीनी उद्योग एवं विकास राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और चीनी उद्योग, विकास एवं आबकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी, उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिभागियों व चीनी मिल मालिकों को सम्मानित किया.

 

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