कोल्हापुर, महाराष्ट्र: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक, पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा की, 2022-23 सीजन में पेराई किये गन्ने के लिए 3000 प्रति टन से कम भुगतान करने वाली फैक्टरियों द्वारा अतिरिक्त प्रति टन 100 रुपये और 3000 से अधिक का भुगतान करने वाली फैक्टरियों द्वारा अतिरिक्त 50 रुपये का भुगतान अभी तक नही हुआ है। उन्होंने संरक्षक मंत्री हसन मुश्रीफ से मुलाकात कर किसानों को गन्ना शुल्क की अतिरिक्त बकाया तुरंत देने की मांग की। शेट्टी ने कहा, पिछले सात महीनों में हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पांच बार और मुख्य सचिव से छह बार मिले, बार-बार मांग के बावजूद राज्य सरकार ने गन्ना किसानों को बेसहारा छोड़ा है।
शेट्टी ने आरोप लगाया की, सत्र 2022-23 में पेराई किये गये गन्ने का अतिरिक्त मूल्य किसानों के खातों में दो माह में जमा करने का निर्णय लिया गया था। कुछ चीनी मिलों ने अतिरिक्त मूल्य के लिए अपने प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजे थे। लेकिन, अब तक उसपर कुछ निर्णय नहीं हुआ ।
शेट्टी ने आगे कहा की, इस वर्ष बाढ़ के कारण पिछले 15 दिनों से गन्ना फसल की भारी क्षति होने से किसान आर्थिक संकट में है। साल 2021 में भी बाढ़ से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। इस साल भी हालात काफी खराब है। ऐसे स्थिति में अगर फैक्ट्रियां तुरंत अतिरिक्त मूल्य जमा कर दें, तो किसानों को बड़ी राहत मिल जाएगी। इस अवसर पर प्रो. जालंदर पाटिल, सावकर मादनाईक, जिला अध्यक्ष वैभव कांबले, राजाराम देसाई, धनाजी पाटिल, शिवाजी पाटिल, मिलिंद साखरपे, शैलेश आडके, राम शिंदे, सुधीर मगदूम, अन्ना मगदूम, भीमराव गोनूगुडे, संपत पवार उपस्थित थे।
‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा की, आर्थिक मुसीबत में फंसे किसानों की किसी को भी चिंता नहीं है। सत्ता दल के साथ साथ विपक्षी भी गन्ना बकाया भुगतान मुद्दे बात करने को तैयार नही। राज्य सरकार अहुर चीनी मिलर्स के इस रवैये से किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कह रहे है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन किसानों को गन्ने का अतिरिक्त मूल्य मिलने तक संघर्ष करती रहेगी, और हजारों किसानों को न्याय दिलाएगी।
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