कोल्हापुर: नीती आयोग की सिफारिश पर एफआरपी (उचित और पारिश्रमिक मूल्य) तीन किस्तों में देने का कानून बनाने पर केंद्र सरकार सोचविचार कर रही है।स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने चेतावनी दी है की, केंद्र एफआरपी को लेकर अगर कोई फैसला लेता है, और चीनी लॉबी के दबाव में महाराष्ट्र की एमवीए सरकार ने अगर उस फैसले का समर्थन किया, तो राज्य सरकार ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगी।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, नीती आयोग के सुझाव के बाद, केंद्र चीनी लॉबी के दबाव में तीन किस्तों में एफआरपी देने पर विचार कर रहा है। शेट्टी ने आगे कहा कि, केंद्र सरकार ने पहले ही तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को पारित कर दिया है। उन्होंने कहा कि, गन्ना नियंत्रण अधिनियम 1996 (ए) के तहत, 14 दिनों के भीतर एक किश्त में एफआरपी का भुगतान करना अनिवार्य है, लेकिन अब सरकार नीती आयोग के माध्यम से इस विनियमन को रद्द करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि, केंद्र द्वारा राज्य सरकारों से इस मुद्दे पर निर्णय लेने के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने एक अध्ययन पैनल का गठन किया है, जिस पैनल पर किसानों का कोई प्रतिनिधि नहीं है। शेट्टी ने कहा कि यदि एमवीए सरकार केंद्र की नीति को लागू करती है, तो सरकार ताश की पत्तों की तरह ढह जाएगी।