पीलीभीत: चीनी उद्योग कोरोना संकट के कारण जूझ रहा है और राजस्व की कमी का भी सामना कर रहा है। जिसके चलते वे गन्ना बकाया चुकाने में भी विफल हो रहे है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के दो निजी और दो सहकारी चीनी मिलों के पास गन्ना किसानों का लगभग 551.80 करोड़ रुपये बकाया है। किसान अब बकाया भुगतान के लिए राज्य सरकार से मध्यस्थता की मांग कर रहे है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 10 जून को अपडेट किए गए गन्ना विभाग के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पीलीभीत की चार चीनी मिलों ने 25 अप्रैल से 19 मई के बीच अपने पेराई सत्र को बंद कर दिया है। इस बीच, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के राज्य उपाध्यक्ष मनजीत सिंह ने कहा, किसानों को हाल ही में गेहूं की खरीद के दौरान पहले ही नुकसान का सामना करना पड़ा है, क्योंकि सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत कम दर पर अपनी उपज बेचने के लिए उन्हें मजबूर किया गया है।अब, गन्ना मूल्य के बड़े पैमाने पर बकाया ने किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है।
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