नई दिल्ली: चीनी मिल बिक्री घोटाला मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती है। खबरों के मुताबिक, सीबीआई अपने तीन प्रारंभिक पूछताछ (PE) को नियमित मामलों में बदलने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश में मायावती के कार्यकाल के दौरान राज्य के स्वामित्व वाली 21 चीनी मिलों की बिक्री में कथित अनियमितताओं के कारण सीबीआई जांच कर रही है। खबरों के मुताबिक सीबीआई ने मामले की अपनी जांच के तहत कम से कम तीन पूर्व वरिष्ठ नौकरशाहों की जांच करने का फैसला किया है। 2011-12 में मायावती के कार्यकाल के दौरान मिलों की बिक्री से राज्य के खजाने को 1,179 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सीबीआई ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक FIR और छह PE दर्ज की हैं।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा राज्य सरकार ने पिछले साल 12 अप्रैल को इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। खबरों के मुताबिक, एजेंसी ने यूपी सरकार के किसी अधिकारी या राज्य के किसी राजनेता को आरोपी नहीं बनाया है। बल्कि सात निजी व्यक्तियों ने कथित तौर पर यूपी स्टेट शुगर कॉर्पोरेशन लिमिटेड मिलों की खरीद के दौरान जाली दस्तावेज जमा किए थे, उनपर कार्यवाही होनी है।
राज्य सरकार ने चीनी मिलों की बिक्री खरीद में धोखाधड़ी और जालसाजी की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। ऐसा आरोप है की, मायावती सरकार ने 21 मिलें बाजार से कम मूल्य पर बेची थीं, जिसमें 10 मिलें चल रही थीं और इससे राज्य सरकार को 1,179 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
मायावती ने हाल ही में इन आरोपों से साफ इनकार किया था और केंद्र पर चुनाव के दौरान सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान राज्य के स्वामित्व वाली 21 चीनी मिलों की बिक्री से संबंधित मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा ने सीबीआई जैसे सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग किया जो पहले कभी नहीं हुआ है।
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