पुणे (महाराष्ट्र): राज्य में अक्टूबर में शुरू होने वाले पेराई सीजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन चीनी आयुक्तालय की एफआरपी रिपोर्ट से पता चला है कि राज्य की कई चीनी मिलों पर बीते सीजन का एफआरपी अब तक बकाया है। एफआरपी बकाया मामले में चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा 7 चीनी मिलों के खिलाफ आरआरसी की कार्रवाई की गई है।
किसानों का कहना है की गन्ने के बिलों के भुगतान में देरी से उन्हें आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। अपने पारिवारिक खर्चों को पूरा करने के लिए बैंकों, क्रेडिट संस्थानों और निजी ऋणदाताओं से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसानों की मांग है कि, उन्हें जल्द से जल्द बकाया गन्ना बिल मिले।
2023-24 पेराई सीजन के दौरान 1076 लाख टन गन्ने की पेराई की गई। गन्ना किसानों को परिवहन और कटाई का खर्च निकालने के बाद 36 हजार 758 करोड़ रुपये का एफआरपी देना था, किसानों को कुल एफआरपी का 99.49 फीसदी एफआरपी राशि दे दी गई है, लेकिन 188 करोड़ रुपये एफआरपी बकाया है। इस साल राज्य में 208 चीनी मिलों ने पेराई सीजन में हिस्सा लिया और उनमें से 181 मिलों ने शत प्रतिशत एफआरपी का भुगतान कर दिया है, जबकि 27 चीनी मिलों पर 188 करोड़ रुपये बकाया है।इन चीनी मिलों में से 11 चीनी मिलों के खिलाफ आरआरसी कार्रवाई की गई है।