मुंबई: महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सीजन चरम पर पहुँच गया है, लेकिन इसी बीच मिलों के सामने समय पर एफआरपी भुगतान एक बड़ी समस्या उभरकर सामने आई है। महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन (MSCSFF) ने चीनी मिलों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) बकाया चुकाने के लिए चार महीने की समयावधि का किसानों के साथ समझौता करने की सलाह दी है। इस कदम से न केवल मिलों को पैसा जुटाने के लिए कुछ समय मिलने की उम्मीद है, बल्कि यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि किसानों को समय पर भुगतान किया जाए।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, MSCSFF के एमडी संजय खताल ने कहा कि, FRP के एकमुश्त भुगतान के लिए कुछ किसान संघठनों द्वारा आग्रह चीनी मिलों के लिए समस्या खड़ी कर सकता है। अधिशेष चीनी स्टॉक और निर्यात नीति की घोषणा में देरी का हवाला देते हुए चीनी मिलरों ने एकमुश्त एफआरपी का भुगतान करने में असमर्थता जताई है। तरलता मिलों के सामने एक अहम मुद्दा बना है, जो पहले से ही सुस्त चीनी बिक्री और वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं। चीनी की कीमतें भी कम मांग के कारण ‘एमएसपी’ से नीचे हैं। महासंघ ने मिलों को भुगतान के मुद्दों से बचने के लिए सीजन की शुरुआत में ही किसानों के साथ एफआरपी भुगतान पर समझौत करने की सलाह दी है।