कोल्हापुर: इस सीजन में राज्य की 190 चीनी मिलों ने रिकॉर्ड 1,012 लाख टन गन्ने की पिराई की है। हालांकि, इस सीजन में रिकवरी में पिछलें कई सालों का सबसे निचला स्तर देखने को मिला है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि, प्राकृतिक कारणों के वजह से रिवकरी में गिरावट देखि जा रही है। रिकवरी में गिरावट से गन्ना किसानों को नुकसान होता है। जिसके चलते वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट (वीएसआई ) ने कम रिकवरी के साथ साथ एफआरपी की समीक्षा करने का फैसला किया है। रिकवरी में गिरावट के सभी कारकों का अध्ययन करने के बाद, ‘वीएसआई’ इथेनॉल के कारण एफआरपी की कम हुई रकम किसानों को देने की सिफारिश करेगा।
गन्ने के लिए पोषक वातावरण, विदर्भ और मराठवाड़ा में अच्छी बारिश, पिछले साल की तुलना में 43 और चीनी मिलों द्वारा गन्ने की पेराई में हिस्सा लेने से इस साल पेराई और चीनी उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, चीनी रिकवरी जो पिछले 10 वर्षों में औसत 11.30 प्रतिशत से अधिक थी, इस बार घटकर 10.50 प्रतिशत रह गई है।