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श्रीगंगानगर, 10 अप्रैल: राजस्थान में गंगानगर स्थित एक मात्र कमीनपुरा के पास स्थित चीनी मिल का पिराई सत्र लगभग पूरा हो चुका है। मिल ने अब तक साढ़े 11 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर दी है। मंगलवार को चीनी मिल बंद कर दी गयी क्योंकि मिल को अब गन्ना नहीं मिल रहा। मंगलवार को मिल के अंदर गन्ने से भरी 47 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी थीं।
मिल सूत्रों का कहना है कि किसानों को शीघ्रता से गन्ना लाने के लिए कहा गया। मिल के बाहर मिल को बंद करने के लिए दो बार नोटिस भी चस्पा किए जा चुके हैं। 8 अप्रेल को मिल को बंद करना था, लेकिन किसानों के आग्रह के कारण इसे 10-12 घंटे और चलाया गया।
गन्ना उत्पादक समिति के महासचिव सतेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि इस बार मिल ने लगभग गन्ने की पिराई पूरी कर ली है लेकिन हमारे सामने लेबर की समस्या आ रही है। बाहरी राज्यों से जो लेबर आती थी, वह इस बार बहुत कम आई और शीघ्रता से चली भी गई। ऐसे में लोकल मजदूर बहुत कम मिल रहे हैं। चीनी मिल प्रशासन से हमने निवेदन किया था कि मिल को कुछ घंटे और चलाया जाए, लेकिन आज कहीं से भी गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली मिल में नहीं पहुंची।
महासचिव सतविन्द्र पाल सिंह का कहना है कि गन्ने की बुवाई भी शुरू कर दी गई है। जो गन्ना अभी खेतों में खड़ा है, उससे गन्ने की बुवाई भी हो रही है। इस बार गन्ने का उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में काफी अच्छा रहा। यही वजह है कि किसानों को इस बार किसी प्रकार का नुकसान नहीं उठाना पड़ा। बुवाई का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। सतविन्द्र पाल सिंह का कहना है कि दो लाख क्विंटल के लगभग गन्ने की खपत ज्यूस और गुड़ बनाने में हुई है। उत्तरप्रदेश से आकर अनेक लोग गन्ने से गुड बनाने का कार्य करते हैं, जो किसानों से पहले से ही अनुबंध कर लेते हैं कि उन्हें इतना गन्ना चाहिए। इसके अलावा ज्यूस बनाने में भी गन्ने की खपत हुई है।
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