अक्रा : व्यापार, कृषि व्यवसाय और उद्योग मंत्री एलिजाबेथ ऑफोसु-अदजारे ने कोमेंडा शुगर फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। संसद की नियुक्ति समिति के समक्ष अपनी जांच के दौरान उन्होंने फैक्ट्री की वर्तमान निष्क्रियता की स्थिति पर प्रकाश डाला, जिसमें कच्चे माल की कमी, गायब हिस्से और अनसुलझे परिचालन चुनौतियों जैसे मुद्दे शामिल थे।
एलिजाबेथ ऑफोसु-अदजारे ने कहा, मुझे बताया गया है कि कोमेंडा शुगर फैक्ट्री चालू नहीं है। फैक्ट्री के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक कच्चे माल की कमी है, साथ ही कुछ हिस्से गायब है। उन्होंने कहा, कोमेंडा शुगर फैक्ट्री का उद्देश्य घाना की चीनी आयात पर निर्भरता को कम करना और रोजगार के अवसर पैदा करना था। हालांकि, 2016 में इसके चालू होने के बाद से, फैक्ट्री को परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप बीच-बीच में इसे बंद करना पड़ा है।
एलिजाबेथ ऑफोसु-अदजारे ने कहा, घाना सालाना लगभग 500 मिलियन डॉलर की चीनी का आयात करता है। यह स्पष्ट है कि हमें घानावासियों के लिए उस फैक्ट्री की आवश्यकता है क्योंकि हम देश में लगभग आधा बिलियन डॉलर की चीनी का आयात कर रहे है। ओफोसु-अदजारे ने यह भी खुलासा किया कि, फैक्ट्री की चुनौतियों का समाधान करने के लिए पहले भी धन आवंटित किया गया था, हालांकि सुविधा की वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है। पदभार ग्रहण करने के बाद मंत्री ने फैक्ट्री को पूरी तरह से चालू करने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ सहयोग करने का वचन दिया। उन्होंने कहा, मैं फैक्ट्री की स्थिति का आकलन करने के लिए मंत्रालय के साथ काम करूंगी और यह सुनिश्चित करूंगी कि घाना को इस ऐतिहासिक परियोजना से लाभ मिले।