2030 तक वैश्विक एथेनॉल बाजार सालाना 4.20 प्रतिशत बढ़ने की संभावना: रिपोर्ट

वाशिंगटन: यूएसडी एनालिटिक्स द्वारा प्रकाशित एक नई शोध रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक एथेनॉल बाजार 2023-2030 की अवधि के दौरान 4.20 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़ेगा। इसमें इंग्लैंड, जर्मनी, चीन और जापान जैसे देशों का अध्ययन किया गया है।एथेनॉल का उत्पादन कई तरीकों से किया जा सकता है, जिसमे पर्यावरण के अनुकूल रूपों में मुख्य रूप से शर्करा की हाइड्रोलिसिस और किण्वन प्रक्रिया शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार, बायोएथेनॉल कार्बन डाइऑक्साइड, भाप और गर्मी का स्वच्छ उत्सर्जन पैदा करता है क्योंकि यह पूरी तरह से जैविक स्रोतों से बनाया जाता है। इस अभिनव उत्पादन और ऊर्जा दहन चक्र के परिणामस्वरूप, बायोएथेनॉल में कार्बन-तटस्थ ईंधन बनने की क्षमता है। यूएसडी एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, ईंधन के रूप में एथेनॉल का बढ़ता उपयोग आने वाले वर्षों में एथेनॉल बाजार के विकास को बढ़ावा देगा। गैसोलीन और अन्य महंगे ईंधन के साथ एथेनॉल का सम्मिश्रण बढ़ते ऑटोमोबाइल क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या को हल करता है। इसलिए, जैव ईंधन के रूप में एथेनॉल की मांग लगातार बढ़ रही है।

वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल करने के लिए प्रमुख कंपनियां एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उत्तरी अमेरिका में अगले कुछ वर्षों में सबसे तेज इथेनॉल उत्पादन होने की उम्मीद है। वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में यहां एथेनॉल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, जैव ईंधन के रूप में एथेनॉल के उत्पादन और उपयोग के लिए अनुकूल सरकारी नियमों के साथ-साथ विभिन्न देशों में पारंपरिक ईंधन के उपयोग से होने वाली पर्यावरणीय क्षति के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण उत्तरी अमेरिका एथेनॉल क्षेत्र का नेतृत्व करता है।

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