केनबेरा (ऑस्ट्रेलिया): ऑस्ट्रेलिया की चीनी मिलों का कहना है कि, भारत सरकारद्वारा चीनी उद्योग को सहायता करने के लिए अतिरिक्त 1 बिलियन डॉलर के कारण वैश्विक चीनी की कीमतें बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, जिसका खामियाजा ऑस्ट्रेलिया जैसे चीनी उत्पादक देशों को भुगतना पड़ रहा है। ऑस्ट्रेलियाई शुगर मिलिंग काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड पिएत्शेक ने कहा कि, भारत सरकार की सब्सिडी निति की वजह से ही दुनियाभर में चीनी की किमत सबसे निचले स्तर पर पहुँच चुकी है।
पिएत्शेक ने कहा की,ऑस्ट्रेलियाई चीनी मिलिंग परिषद के प्रारंभिक विश्लेषण के द्वारा समर्थित हमारी चिंताओं को पहले से ही व्यापार मंत्री, सीनेटर साइमन बर्मिंगहम, और विदेश मामलों और व्यापार विभाग ने भाम्प लिया है और आंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई चीनी मिलिंग परिषद को जल्द से जल्द कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है, क्यों की इस वक़्त चीनी की किमत उत्पादन खर्च से भी 30% कम है।
भारत के इस सब्सिडी की कदम से वैश्विक चीनी बाजार में और गहरा असर देखने को मिल सकता है, जिसका ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों की चीनी उद्योग को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, जिनको सरकार की तरफ से कोई भी सब्सिडी नही मिलती। पिएत्शेक का मानना है की, भारत विश्व चीनी बाजार पर अतिरिक्त आपूर्ति डंप करने के लिए किसानों को मूल्य समर्थन दे रहा है और परिवहन सब्सिडी के संदर्भ में अपने विश्व व्यापार संगठन के दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है। समान विचारधारा रखनेवाले चीनी देशों द्वारा विश्व व्यापार संगठन में भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़े होने की बात जोरों से उठाई जा रही है ।