नई दिल्ली : विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, अल नीनो धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है, हालांकि मार्च-मई के दौरान वैश्विक तापमान ‘सामान्य से ऊपर’ रहने की संभावना है। आपको बता दे की, भारत में, मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के गर्म होने से जुड़ा जलवायु पैटर्न अल नीनो ने मानसून के मौसम को प्रभावित किया, जिससे पिछले साल ‘सामान्य से कम’ वर्षा हुई।
WMO ने कहा की, इस साल मानसून के लिए अच्छी खबर हो सकती है, लेकिन मौसमी वर्षा के भाग्य पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि यह अन्य जलवायु घटनाओं पर भी निर्भर करता है। WMO के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा, जून 2023 के बाद से हर महीने ने एक नया मासिक तापमान रिकॉर्ड बनाया है, और 2023 रिकॉर्ड पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष था।अल नीनो ने इन रिकॉर्ड तापमानों में योगदान दिया है, लेकिन गर्मी को रोकने वाली ग्रीन हाउस गैसें (जीएचजी) स्पष्ट रूप से मुख्य दोषी है।
एल नीनो औसतन हर दो से सात साल में होता है, और आम तौर पर नौ से 12 महीने तक रहता है। यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौसम और तूफान के पैटर्न को प्रभावित करता है। वर्तमान अल नीनो घटना, जो जून 2023 में विकसित हुई और दिसंबर में चरम पर थी।नवंबर और जनवरी के बीच सबसे मजबूत था।
WMO ने कहा, मार्च-मई के दौरान अल नीनो के बने रहने की लगभग 60% संभावना है और अप्रैल से जून में तटस्थ स्थिति (न तो अल नीनो या ला नीना) की 80% संभावना है।WMO ने कहा, साल के अंत में ला नीना के विकसित होने की संभावना है, लेकिन फिलहाल संभावनाएं अनिश्चित हैं। ला नीना, मध्य और पूर्व-मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान के आवधिक शीतलन से जुड़ा एक जलवायु पैटर्न है। ला नीना भारतीय उपमहाद्वीप में अच्छी मानसूनी वर्षा से जुड़ा है।