उत्तर प्रदेश में गन्ना बकाया भुगतान को लेकर कारवाई हुई तेज;समझौता होने पर दोनों को छोड़ा गया ।
बिजनौर : चीनी मंडी
बिजनौर में पिछले साल का बकाया गन्ना भुगतान न दिए जाने से राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की महापंचायत में सरदार वीएम सिंह के सामने पुलिस ने वेव ग्रुप की बिजनौर चीनी मिल के जीएम को हिरासत में ले लिया। ग्रुप की चांदपुर चीनी मिल के जीएम ने किसानों के बीच ही इस्तीफा देने का एलान कर दिया, लेकिन किसानों ने उन्हें भी पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। बाद में समझौता होने पर दोनों को छोड़ा गया। मिल अधिकारियों के द्वारा 25 जनवरी तक बकाया भुगतान के आश्वासन पर किसान शांत हुए।
बिजनौर चीनी मिल पर पिछले साल के पेराई सत्र का 25.63 तथा चांदपुर मिल पर 35.63 करोड़ रुपया बकाया है। मंगलवार को सरदार वीएम सिंह के नेतृत्व में कलक्ट्रेट में किसानों की महापंचायत बुलाई गई थी। इसमें किसानों ने प्रशासनिक व मिल अफसरों को जमकर खरीखोटी सुनाई। किसानों ने बिना भुगतान के पंचायत खत्म करने से इंकार कर दिया। उन्होंने मिल अधिकारियों व मालिकों की गिरफ्तारी की मांग की। इस पर प्रशासन ने तुरंत बिजनौर चीनी मिल के जीएम इसरार अहमद को हिरासत में ले लिया और थाने ले गए।
चांदपुर चीनी मिल के जीएम तेजवीर सिंह ढाका ने किसानों के बीच ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। लेकिन किसान नहीं माने। उन्होंने चांदपुर चीनी मिल के जीएम को भी पकड़कर सीओ सिटी महेश कुमार को हवाले कर दिया। सीओ ने जीएम को हिरासत में लेकर अपने साथ थाने ले गए । बाद में मिल अधिकारियों द्वारा 25 जनवरी तक पिछले साल के समस्त भुगतान का आश्वासन मिलने पर किसान शांत हुए और सात दिन से चल रहा किसानों का धरना समाप्त हुआ। सीओ सिटी महेश कुमार के अनुसार भुगतान के आश्वासन के बाद दोनों जीएम को छोड़ने के लिए किसान सहमत हो गए।
महापंचायत में सरदार वीएम सिंह ने कहा कि खेती अब घाटे का सौदा हो गई है। देश को रोटी देने वाला किसान भुगतान के लिए कलक्ट्रेट में भूखा बैठा है। किसानों के बच्चों की फीस तक भरी नहीं जा रही है। किसानों को जब तक गन्ने का भुगतान मिलता है तब तक उसकी आधी रकम तो ब्याज में ही चली जाती है। किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को 11 साल बाद भी लागू नहीं किया गया है। कहा कि अब किसान की कर्ज माफी की नहीं बल्कि कर्ज मुक्ति की बात होनी चाहिए। किसान को अपना अधिकार छीनने के लिए और ताकतवर होना होगा।