पणजी : गोवा सरकार ने पिछले कुछ सालों से बंद पड़ी संजीवनी चीनी मिल को शुरू करने के प्रयास शुरू कर दिए है। 1971 में स्थापित संजीवनी चीनी मिल हाल के वर्षों में खराब प्रबंधन को लेकर विवादों में रहा है अब राज्य सरकार मिल में एथेनॉल उत्पादन की योजना बना रही है। इसके लिए औपचारिक रूप से प्रस्ताव मंगाया गया है, जिसमें इस मिल के पुनर्विकास में भाग लेने वाली इच्छुक पार्टियों को आवेदन करने के लिए कहा गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि, संजीवनी सहकारी चीनी मिल का पुनर्विकास एथेनॉल प्लांट की स्थापना के साथ-साथ करना होगा। मिल का पुनर्विकास पीपीपी मोड और डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) आधार पर किया जाएगा।
कृषि विभाग ने कहा कि, वह पहले आवेदन करने वाले योग्य संस्थाओं को शॉर्टलिस्ट करेगा और राज्य सरकार की ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम के माध्यम से बोलियां आमंत्रित करेगा। इच्छुक पार्टियों को अपने आवेदन 25 नवंबर तक निर्धारित आरएफक्यू प्रारूप में भेजने होंगे। 31 अक्टूबर को एक पूर्व-आवेदन सम्मेलन भी निर्धारित किया गया है जहां इच्छुक संस्थाओं को बोली प्रक्रिया के स्पष्टीकरण और तकनीकी विवरण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
राज्य सरकार ने डेक्कन शुगर टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन पुणे को मिल को चालू करने की योजना पर सलाह देने के लिए नियुक्त किया और बाद में एक तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट और एक एथेनॉल उत्पादन प्लांट के साथ मिल के पुनर्विकास के लिए एक परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की।