संगुएम: किसानों का आरोप है की कुछ महीने पहले गोवा सरकार द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बावजूद किसान अपने खेतों से गन्ने की फसल की कटाई और परिवहन करने में सरकार की विफलता से परेशान हैं। वाडेम संगुएम के गन्ना किसान पौटो गांवकर ने इस साल जनवरी में संगुएम में गन्ना किसानों द्वारा किए गए पांच दिनों के लंबे आंदोलन को याद किया, जिसमें संजीवनी चीनी मिल के अस्थायी रूप से बंद होने के मद्देनजर गन्ना किसानों के मुआवजे की मांग की गई थी। बाद में सरकार के लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया कि, सरकार किसानों को पांच साल की अवधि के लिए मुआवजा देगी और फरवरी के अंत तक गन्ने की फसल की कटाई और परिवहन के लिए एक ठेकेदार को काम पर रखने का भी वादा किया था।
पौटो गांवकर ने हालांकि दावा किया कि, अभी तक सरकार की ओर से कुछ भी मदद नहीं मिल रही है और बड़ी संख्या में गन्ना किसानों ने अपनी फसल की कटाई नहीं होने की शिकायत की है। वाडेम संगुएम और ज़ानोडेम मोल्कोर्नम में 50 से अधिक भूखंडों से गन्ने की फसल अभी भी नहीं काटी गई है, जो आंदोलन के दौरान सबसे आगे रहे थे। किसानों ने आरोप किया कि, राज्य सरकार गन्ना किसानों के साथ खिलवाड़ कर रही है और हम वास्तव में नहीं जानते कि सरकार आखिर क्या करने का इरादा रखती है। ज़ानोडेम मोल्कोर्नम के एक अन्य प्रमुख किसान जोसिन्हो डकोस्टा ने बताया कि, अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए खेत में कड़ी मेहनत करने के बाद गन्ने की फसल को खेतों में बर्बाद होते देखकर दुख होता है। डकोस्टा ने बताया कि सरकार ने स्पष्ट रूप से फरवरी में गन्ने की फसल की कटाई और परिवहन की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक न तो ठेकेदार का कोई अता-पता है और न ही संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई बयान आया है।
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