गोवा: संजीवनी चीनी मिल प्रबंधन द्वारा फल, सब्जी की खेती

पोंडा : पिछले तीन वर्षों से गन्ना पेराई सत्र बंद होने के बाद, धरबंदोरा स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित संजीवनी चीनी मिल ने अब फल और सब्जियों की खेती शुरू कर दी है। संजीवनी अब प्रति माह 1.5 लाख रुपये कमाती है। हालाँकि, चीनी मिल के बंद होने के बाद अब तक प्रस्तावित एथेनॉल परियोजना सफल नहीं हो पाई है। मिल के नए प्रशासक सतेज कामत फलों और सब्जियों की खेती और बिक्री कर रहे हैं। संजीवनी के पास करीब 25 हेक्टेयर जमीन है। उन्होंने बताया कि, इस छोटे से प्रयास से मिल को हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपये की कमाई हुई है।

पिछले कुछ महीनों से यहां खीरा, भिंडी, मिर्च और कई तरह की सब्जियों और फलों की खेती की जा रही है। एक अलग स्टॉल भी लगाया गया है जहां ताजी सब्जियां बेची जाती हैं। लोग इस आउटलेट पर आते हैं और सब्जियां खरीदते हैं जिससे श्रमिकों को अधिक उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। फलों और सब्जियों की सफलतापूर्वक खेती के बाद अब फैक्ट्री प्रशासन की नजर मत्स्य विभाग के सहयोग से फार्म परिसर में मछली पालन पर है। उन्होंने फार्म में मछली प्रजनन के लिए तीन गड्ढे भी खोदे है।

गोवा की राज्य सरकार द्वारा संचालित एकमात्र चीनी मिल को सरकार ने 2019-20 से बंद कर दिया है, क्योंकि मिल को भारी घाटा होने लगा था। सरकार के मुताबिक मशीनरी की मरम्मत पर होने वाला खर्च मिल की आय से ज्यादा था।मिल श्रमिकों ने प्रशासक द्वारा शुरू किए गए प्रभावों की सराहना भी की है। कर्मचारियों का दावा है कि, इस प्रयास से जमीन उपजाऊ हो गई है। लापरवाही के कारण वर्षों तक जमीन बंजर पड़ी थी।

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