मडगांव / पोंडा : गन्ना किसानों ने सरकार पर संजीवनी चीनी मिल को बंद करने और बार-बार चालू करने का झूठा आश्वासन देकर बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया। संगुएम उस उत्पादक संघर्ष समिति के सदस्य प्रशांत देसाई ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, राज्य सरकार द्वारा पिछले साल गन्ना किसानों को 3,600 रुपये प्रति टन के हिसाब से मुआवजा देने का आश्वासन देने के बावजूद, किसानों को अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है।
देसाई ने कहा कि, गोवा के किसानों द्वारा उगाए गए गन्ने को कर्नाटक भेजे जाने पर आपत्ति जताई थी और मांग की थी कि इसके बजाय गन्ने की संजीवनी मिल में पेराई की जाये। हालांकि, उन्होंने कहा, उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया और उससे हजारों टन गन्ना बर्बाद हुआ। संजीवनी मिल को पुनर्जीवित करने में सरकार की विफलता पर निराशा व्यक्त करते हुए देसाई ने मांग की कि यह प्लांट किसानों को दिया जाए। गन्ना किसानों ने हाल ही में मांग की कि सरकार कारखाने के भविष्य के बारे में अपना रुख स्पष्ट करे। उन्होंने छह दिसंबर को एक बार फिर मिल परिसर में धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।