मुंबई: 5 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के दौरान भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोड मैप पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट 2020-2025 जारी की। भारत सरकार ने अधिसूचना के जरिए तेल कंपनियों को 1 अप्रैल 2023 से 20% तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने का निर्देश दिया गया है। सरकार का महंगे तेल आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रण प्राप्त करने का लक्ष्य है। सरकार के इस फैसले से चीनी उद्योग को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अधिशेष चीनी और राजस्व तरलता की समस्या से छुटकारा मिलेगा। मिलें, किसानों का बकाया भुगतान भी समय पर कर सकती है। जिससे देश के किसान भी लाभान्वित होंगें। गन्ने के साथ साथ तक़रीबन 165 लाख टन अनाज की इथेनॉल उत्पादन के लिए जरूरत होगी। जिससे अनाज की मांग बढ़ेगी और इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।
2025 तक, भारत सरकार किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए इथेनॉल के उत्पादन के लिए सालाना उत्पादित 60 लाख मिट्रिक टन अतिरिक्त चीनी को कम करने का लक्ष्य बना रही है। आसवनी के विस्तार/नई परियोजनाओं में 40,000 करोड़ से अधिक के निवेश की उम्मीद है, जो न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा, यह उम्मीद की जाती है कि 2025 तक पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल सम्मिश्रण हासिल करने के बाद सालाना लगभग 30,000 करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत होगी, इस प्रकार यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक कदम है। वर्तमान वर्ष में भारत की योजना 10% इथेनॉल मिश्रण करने की है। 10% मिश्रण के लिए लगभग 4 बिलियन लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। 2023 तक 20% के लिए 10 अरब (1,000 करोड़) लीटर की जरूरत होगी।
केंद्र सरकार के इथेनॉल संमिश्रण निति पर अपने विचार साझा करते हुए गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड के सीएमडी समीर सोमैया ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर घोषित नया रोडमैप दूरदर्शी है। यह कार्यक्रम देश में बायोमास अधिशेष को एक परिसंपत्ति के रूप में मान्यता देता है। भारत में गन्ना अधिशेष भारत की ऊर्जा जरूरतों के एक हिस्से को पूरा करने, स्वच्छ जलने वाला ईंधन प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन को कम करने और देश भर में गन्ना किसानों की आय को स्थिरता प्रदान करने में मददगार साबित होगा।
सोमैया ने कहा, केंद्र सरकार 2023 तक E20 को ईंधन के रूप में पेश करने की भी योजना बना रही है। उद्योग के पास इथेनॉल और चीनी के बीच चयन करने में वैकल्पिकता होगी और स्थिर नकदी प्रवाह और विकास के लिए एक उल्लेखनीय अवसर होगा। ये नीतियां उद्योग और वास्तव में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का चेहरा बदल देंगी।
गोदावरी बायोरिफाइनरीज देश के दृष्टिकोण के साथ खुद को कैसे जोड़ रही है, इस पर बोलते हुए, उन्होंने साझा किया, गोदावरी बायोरिफाइनरीज ने पिछले 2 वर्षों में इथेनॉल बनाने की अपनी क्षमता को पहले ही 200 से 400 klpd तक बढ़ा दिया है। अब हम 2022 में 600 klpd तक विस्तार करेंगे। हमारा लक्ष्य इस कार्यक्रम के लिए 100 मिलियन लीटर से अधिक की आपूर्ति करना होगा। हम भविष्य में अपने इथेनॉल उत्पादन को और बढ़ाने के लिए मक्का, चुकंदर जैसे फीडस्टॉक्स पर काम कर रहे हैं।