गोंडा, उत्तर प्रदेश: गन्ना पर्ची न मिलने के कारण क्षेत्र में कई हेक्टेयर गन्ना फसल खेतों में खड़ी है। गन्ना कटाई में देरी से किसानों को आर्थिक तंगी के साथ ही खेत खाली न हो पाने से गेहूं व सरसों की बुआई पिछड़ने से दोहरी परेशानी उठाना पड़ रही है। पर्ची के लिए किसानों को चीनी मिल व गन्ना समितियों के चक्कर काटना पड़ रहे हैं।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, किसानों ने बताया कि पर्ची न मिलने से उनके खेतों में अभी तक गन्ने की फसल खड़ी हुई है। इससे आर्थिक तंगहाली के साथ ही सरसों व गेहूं की फसलों की बुआई पिछड़ने की परेशानी भी उठाना पड़ रही है। किसान सूर्यकांत तिवारी ने बताया कि उनके खेत में गन्ने की फसल खड़ी है, मिल में पता करने पर बताया जा रहा है कि अभी 5192 प्रजाति गन्ने की पर्ची नहीं मिल पाएगी। समय से गन्ना न बिकने के कारण अन्य फसलों की बोआई पिछड़ रही है। एडीओ कृषि सुभाष शुक्ला ने बताया कि गेहूं की बोआई का सही समय 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक बेहतर होता है। 15 दिसंबर तक गेहूं की बोआई करने की अंतिम अवधि होती है, इसके बाद बोई गई फसल का पैदावार बहुत कम हो जाता है।