गोंडा : अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कुंदरकी चीनी मिल किसानों के भुगतान में फिसड्डी साबित हुई है, क्योंकि पेराई खत्म होने के बावजूद मिल द्वारा किसानों का 235 करोड़ भुगतान बकाया है। किसानों का कहना है की उनकी नजरे मिल के भुगतान पर टिकी है, लेकिन भुगतान कब होगा इसका किसी को अंदाजा नहीं है।
कुंदुरखी स्थित चीनी मिल पेराई बंद कर चुकी है और किसानों के करोड़ों रुपये का भुगतान अब भी बकाया है। कुछ किसानों ने गन्ने की खेती न करने का फैसला किया है। चीनी मिल पर 13,891 किसानों का 235 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य बकाया है। किसानों के अनुसार, गन्ना मूल्य का भुगतान न मिलने से कई तरह की समस्या सामने खड़ी हो गई है। अप्रैल महीने में शादी-विवाह की तिथि निर्धारित है। पैसा न मिलने से बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है।
चीनी मिल के यूनिट हेड पीएन सिंह ने कहा कि, किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान क्रमानुसार किया जा रहा है। अब तक 15 दिसंबर तक बेचे गए गन्ने का भुगतान किया जा चुका है। जैसे-जैसे चीनी बिकेगी, किसानों को भुगतान मिलता रहेगा। अगले सत्र में मिल शुरू होने से पहले भुगतान करा दिया जाएगा।
जिला गन्ना अधिकारी सुनील सिंह का कहना है कि जिले की चीनी मिलें बराबर भुगतान कर रही हैं। कुंदुरखी चीनी मिल पर 13891 किसानों का 235 करोड़ रुपये बकाया है। यह मिल भी भुगतान कर रही है। किसानों के भुगतान में तेजी लाने का निर्देश मिल अधिकारियों को दिया गया है।