उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को ‘अच्छे दिन’

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लखनऊ : चीनी मंडी

बकाया भुगतान में देरी से परेशान उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को ‘अच्छे दिन’ आने की सम्भावना बनी हुई है, क्योंकि प्रदेश के किसानों को अब अपने ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट मिल सकेगी। राज्य के सहकारी गन्ना विकास समितियों व चीनी मिल समितियों के निबंधक की ओर से इस बाबत एक नई व्यवस्था लागू की गई है। योगी सरकार लोकसभा चुनाव में मिली सफलता को देखकर किसानों को आनेवाले दिनों में कुछ और तोहफा भी दे सकती है। इस फैसले से सालोंसाल लोन में फंसे किसानों को राहत मिल सकती है।

गन्ना किसानों द्वारा नाबार्ड ऋण की अदायगी पर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिए जाने की इस संशोधित व्यवस्था से हर किसान को ऋण पर ब्याज में अधिकतम छूट का लाभ मिल सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होने से पूर्व केवल 3.7 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को मिल पा रहा था शेष 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान का लाभ किसानों को इसलिए नहीं मिल पा रहा था क्योंकि समितियों द्वारा वर्ष में केवल एक बार ही ऋण वसूली की डिमाण्ड लगाने के आदेश थे। गन्ना किसानों की समस्या के संज्ञान में आते ही गन्ना आयुक्त / निबंधक सहकारी समितियां ने सहकारी गन्ना समितियों को निर्देशित किया कि वह गन्ना किसानों के हित के मद्दनेजर वर्ष में दो बार डिमाण्ड लगाए, जिससे ऐसे किसान जो लिए गए कृषि ऋण को समय के अंदर वापसी करना चाहते हैं, उन्हें नाबार्ड ऋण की आदायगी पर मिलने वाली ब्याज छूट का पूर्ण लाभ मिल सके। यदि कोई किसान ऋण की वापसी तय समय में कर देता है तो उसे ब्याज में और अतिरक्ति 4 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

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