नई दिल्ली: चीनी मंडी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ने और चीनी के अधिशेष उत्पादन से निपटने के लिए, साथ ही चीनी मिलों को प्रोत्साहित करने के लिए बुधवार को गन्ने के रस से सीधे उत्पादित इथेनॉल की कीमत में 25% की वृद्धि को (प्रति लिटर ४७.५० से बढाकर ५९.५० रूपये ) मंजूरी दे दी है। पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को 10% तक बढ़ाकर सरकार ने कच्चे तेल के आयात में कटौती का लक्ष्य रखा है।
मोलासिस से उत्पादित इथेनॉल की कीमतों में भी बढ़ोतरी ?
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल बी-भारी गुड़ (मोलासिस) से उत्पादित इथेनॉल की कीमतों में 47.5 रुपये प्रति लीटर से 52.43 रुपये की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे सकती है। दुनिया में प्रमुख चीनी उत्पादक देशों में इथेनॉल बनाने के लिए सीधे गन्ने के रस का इस्तेमाल आम बात है। इस सूची में ब्राजील सबसे उपर है, ब्राजील में सीधे गन्ना के रस से इथेनॉल उत्पादन बनते हैं।
अधिकारियों और उद्योग के सूत्रों ने कहा कि, सरकार गन्ने के रस से जादा से जादा इथेनॉल उत्पादन करने के लिए चीनी मिलों को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि जिससे किसानों का बकाया भुगतान करने के लिए मिलों को मदद मिलेगी। वर्तमान में भारत भर में लगभग 13,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है और इसमें उत्तर प्रदेश के 40% से अधिक मामले है।
अगले साल तक बकाया राशि होगी 30,000 करोड़ रुपये
अगले साल मार्च और अप्रैल तक गन्ना किसानों की शीर्ष बकाया राशि 30,000 करोड़ रुपये तक पहुँचने की आशंका चीनी उद्योग द्वारा जताई जा रही है। इसके अलावा, अनुमान यह भी लगाया गया है कि, मौजूदा चीनी मौसम के अंत में लगभग 10.5 मिलियन टन चीनी का अतिरिक्त स्टॉक होगा। चीनी मौसम (अक्टूबर 2018 से सितंबर 201 9) के लिए 35 मिलियन टन ताजा उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। अगर इथेनॉल उत्पादन में वर्तमान दर में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, तो लगभग 26 मिलियन टन की घरेलू मांग को पूरा करने के बाद भी, चीनी का भंडार करीब 19 मिलियन टन होगा।
चीनी उद्योग के लिए अच्छी खबर : वर्मा
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल अबिनाश वर्मा ने कहा की, अगर मंत्रिमंडल इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है, तो यह उद्योग को एक बड़ा बढ़ावा साबित होगा। मिलर्स जब आश्वस्त हो जायेंगे कि उन्हें बेहतर कीमत मिल जाएगी, तो फिर वे बेहतर उत्पादन के लिए और निवेश करेंगे, हालांकि इसमें कुछ समय लगेगा।
चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य बढ़ाने की जरूरत
चीनी उद्योग के सूत्रों ने कहा की, चीनी के भारी स्टॉक के संकट से छुटकारा पाने के लिए सरकार को अगले सीजन के दौरान लगभग सात मिलियन टन चीनी का निर्यात करने के लिए कदम उठाने होंगे और चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य वर्तमान 29 रुपये किलोग्राम से ३६ रूपये करना होगा ।