सरकार ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को एथेनॉल के लिए गन्ने के रस का उपयोग न करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने 7 दिसंबर, 2023 को जारी एक अधिसूचना में सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरीज को निर्देश दिया कि वे तत्काल प्रभाव से ईएसवाई 2023-24 में एथेनॉल के लिए Sugar Cane Juice/Sugar Syrup का उपयोग न करें। B-Heavy molasses से ओएमसी द्वारा प्राप्त मौजूदा प्रस्तावों से एथेनॉल की आपूर्ति जारी रहेगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्थानीय बाजार में चीनी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों कर्नाटक और महाराष्ट्र में कम बारिश से चीनी उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है, इसलिए सरकार देश में पर्याप्त चीनी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रही है।
आपको बता दे, केंद्र ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि भारत में वर्तमान एथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है और ईंधन मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
एथेनॉल रोडमैप के अनुरूप, तेल विपणन कंपनियों ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 के दौरान 10 प्रतिशत और एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2022-23 के दौरान 12 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया है।
सरकार ने 2014 से एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कई उपाय किए हैं जिनमें एथेनॉल के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विस्तार; एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत एथेनॉल की खरीद के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र; ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाना; सम्मिश्रण के लिए राज्यों में एथेनॉल की मुक्त आवाजाही के लिए उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन; देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और बढ़ाने के लिए ब्याज सहायता योजना; एथेनॉल की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) को नियमित रूप से जारी करना शामिल है।