भारत में पेट्रोल पंप की तरह खुलेंगे एथेनॉल पंप

ग्रेटर नोएडा: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि, केंद्र सरकार का मिशन अगले पांच वर्षों के भीतर ऑटोमोबाइल उद्योग के कारोबार को बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये करना है। गडकरी ने ग्रेटर नोएडा में मारुति सुजुकी और टोयोटा त्सुशो समूह की सरकार द्वारा अनुमोदित स्क्रैपिंग का उद्घाटन करते हुए कहा की, देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर का मौजूदा टर्नओवर 7.5 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 3 करोड़ रुपये एक्सपोर्ट है। मेरा लक्ष्य अगले पांच साल के भीतर ऑटो उद्योग को 15 लाख करोड़ रुपये का बनाना है। हाल ही में, COP26 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, भारत 2070 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर चल रहा है। गडकरी ने कहा कि, इस उद्देश्य के लिए सरकार सीएनजी, एलएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा की, ईंधन का हमारा वर्तमान आयात 8 लाख करोड़ रुपये है और यह अगले पांच वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। अमेरिका, ब्राजील और कनाडा में फ्लेक्स इंजन का उपयोग किया जा रहा है, जहां वे 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत एथेनॉल का उपयोग करते हैं। केंद्र सरकार ने चावल, मक्का और खाद्यान्न से बायोएथेनॉल बनाने की अनुमति दे दी है। सरकार ने पेट्रोल पंप की तरह ही एथेनॉल पंप खोलने का फैसला लिया है। यह देश के सभी लोगों के लिए फायदेमंद है। यह प्रदूषण से निपटने में मदद कर सकता है और यह देश के आदिवासी, कृषि क्षेत्रों के लिए भी अच्छा है। साथ ही गडकरी ने स्क्रैपिंग यूनिट की शुरुआत और वाहन स्क्रैपिंग नीति को ‘ऐतिहासिक’ करार दिया।

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