सरकार एथेनॉल निर्माताओं द्वारा सामना किए जा रहे टूटे चावल (broken rice) और मक्का जैसे फीडस्टॉक की अनुपलब्धता की समस्या के समाधान के लिए विकल्प तलाश रही है।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शुक्रवार को कहा की चावल की अनुपलब्धता के कारण डिस्टिलरीज़ को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने हमे बताया कि मक्का और टूटे चावल की कीमतें अधिक हैं। यह मुद्दा वास्तव में हमारे विचाराधीन है। हम समस्या से अवगत हैं। बहुत जल्द, हम इस पर उचित निर्णय लेंगे।
आपको बता दे, पिछले महीने, राज्य संचालित भारतीय खाद्य निगम ने अपने डिपो से एथेनॉल निर्माताओं को चावल की आपूर्ति रोक दी थी।
एथेनॉल की कीमत बढ़ाने की ISMA की मांग पर चोपड़ा ने कहा कि एक समिति इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रही है।