मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के स्वच्छ और अधिक कुशल एथनोल-मिश्रित पेट्रोल के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों के तहत केंद्र सरकार मोलासेस के निर्यात पर 50% शुल्क (duty) लगाने पर विचार कर रही है।
लाइवमिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकार अनियमित मानसूनी बारिश के बाद गन्ने की कमी को देखते हुए अपने निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए लेवी पर विचार कर रही है।
भारत का लक्ष्य 2025-26 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल है, जो वर्तमान 12% मिश्रण से अधिक है। मोलासेस पर भारी निर्यात शुल्क, जिसकी कई चीनी उद्योग लॉबी ने भी मांग की है, एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का उत्पादन करने के लिए इसकी उपलब्धता को बढ़ावा दे सकता है।
इथेनॉल उत्पादन के लिए मोलासेस की घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने के प्रयास चीनी निर्यात पर हाल के प्रतिबंधों और मिलों को एथेनॉल के लिए गन्ने के रस और बी हेवी मोलासेस के सिमित इस्तेमाल के बाद आया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा की सितंबर में मोलासेस के निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए 30% निर्यात शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन तब कोई निर्णय नहीं लिया गया था। एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी-आधारित फीडस्टॉक की सीमित उपलब्धता के हालिया विकास और मोलासेस की अंतरराष्ट्रीय बाजार कीमतों में रुझान के कारण, खाद्य विभाग ने 50% निर्यात शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है।
अधिकारी ने कहा की, जनवरी में फैसला आने की संभावना है।