नई दिल्ली: भारतीय चीनी उद्योग अधिशेष चीनी से जूझ रहा है और सरकार चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हर साल की तरह, केंद्र सरकार ने 1 नवंबर 2019 से 30 सितंबर 2020 की अवधि के लिए सीएक्सएल छूट (CXL concession) के तहत यूरोपीय संघ (EU) को 10,000 टन चीनी (कच्ची और/या सफेद चीनी) का निर्यात कोटा तय किया है।
यूरोपीय संघ को निर्यात पर सीएक्सएल छूट का लाभ उठाकर व्यापारी कम या शून्य सीमा शुल्क पर चीनी निर्यात कर सकते हैं।
यूरोपीय संघ रेगुलेशन के एक प्रावधान के अनुसार, रियायत के साथ चीनी का निर्यात सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र की प्रस्तुति के अधीन है। यह प्रमाण पत्र एडिशनल डीजीएफटी, मुंबई द्वारा जारी किया जाएगा।
हाल ही में, विभिन्न देशों ने निर्यात सब्सिडी को लेकर डब्ल्यूटीओ में दरवाज़ा खटखटाया था। उनका आरोप है कि भारत की सब्सिडी वैश्विक व्यापार नियमों के असंगत है और चीनी बाजार को विकृत कर रही है। भारत सरकार अधिशेष को कम करने और चीनी उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए नई चीनी निर्यात नीति तैयार करने पर विचार कर रही है।
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