पिछले तीन सालों से रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के कारण आर्थिक संकट से घिरे चीनी उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर मुमकिन कोशिश की जा रही है, फिर भी निर्यात में गिरावट, कीमतों पर दबाव और गन्ना बकाया भुगतान की समस्या कम नही हुई है। खबरों के मुताबिक, अब केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए 40 लाख टन बफर स्टॉक की घोषणा कर सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इसका ऐलान आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में हो सकता है।
आपको बता दे, जून में, 50 लाख टन के बफर स्टॉक पर विचार चल रहा था और उसी के लिए कैबिनेट नोट खाद्य मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन धन की कमी के कारण इसे मंजूरी नहीं मिली थी। चीनी सीजन 2018-19 के लिए वर्तमान बफर स्टॉक 3 मिलियन टन है, जो 30 जून को समाप्त हो गया।
2018-19 चीनी सीजन खत्म होने के बाद भी गन्ना किसानों का लगभग 15,222 करोड़ रुपये बकाया भुगतान बाकी है। बकाया भुगतान में देरी के कारण किसानों में काफी आक्रोश है, राज्य सरकारें भुगतान में विफ़ल रही मिलों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। दूसरी तरफ चीनी मिलें सरकार से मदद के लिए गुहार लगा रही है। चीनी मिलों की सहायता करने के लिए केंद्र ने बैंकों के माध्यम से सॉफ्ट लोन योजना को मंजूरी दी थी, इसके साथ ही, भारत भर में चीनी मिलों से चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि करने की मांग की गई, जिस पर विचार करते हुए सरकार ने इसे 14 फरवरी 2019 को 29 रुपये से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया था।
ऐसी उम्मीद की जा रही है की नयी बफर स्टॉक की घोषणा पर चीनी उद्योग को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
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