हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सरकार अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए उद्योग के साथ साझेदारी करेगी: केंद्रीय मंत्री

भारत सरकार ऊर्जा अवस्थांतर की दिशा में अपनी खोज के भाग के रूप में, देश और दुनिया के हितधारकों को एक मंच पर लेकर आयी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि हम हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र कैसे स्थापित कर सकते हैं और किस प्रकार से हरित हाइड्रोजन के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन के लिए वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक प्रणालीगत दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकते हैं। भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में हरित हाइड्रोजन पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएच-2023) का आयोजन 05 से 07 जुलाई 2023 तक किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन आज केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने किया, जिससे संपूर्ण हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में हाल में हुई प्रगति एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए वैश्विक वैज्ञानिकों, नीति, शैक्षणिक और औद्योगिक दिग्गजों को एक साथ लाया जा सके। यह सम्मेलन इस क्षेत्र के हितधारकों को इस क्षेत्र में विकसित हरित हाइड्रोजन परिदृश्य और नवाचार-संचालित समाधानों का पता लगाने में सक्षम बनाएगा, इस प्रकार इस क्षेत्र के लिए स्थिर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करेगा।

इस सम्मेलन का आयोजन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के सहयोग से भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ किया जा रहा है।

इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य यह पता लगाना है कि हम कैसे हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को स्थापित कर सकते हैं और किस प्रकार से हरित हाइड्रोजन के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक प्रणालीगत दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकते हैं। इसमें हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण, वितरण और अनुप्रवाह अनुप्रयोगों पर डोमेन-विशिष्ट अनुसंधान बातचीत के अलावा, इस क्षेत्र में हरित वित्तपोषण, मानव संसाधन कौशल विकास और स्टार्टअप पहल पर भी चर्चा होगी। यह सम्मेलन इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और सीखने में सक्षम बनाएगा।

सम्मेलन में आयोजित होने वाली विभिन्न पूर्ण वार्ता, विशेषज्ञ पैनल चर्चा एवं तकनीकी विचार-विमर्श, उद्योग एवं अनुसंधान बिरादरी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन में निहित उद्देश्यों के अनुरूप, राष्ट्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं को गहराई से समझने का अवसर प्राप्त होगा, जो वर्ष 2070 तक भारत के नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक मिशन है।

“आइए और हमारे साथ साझेदारी कीजिए”

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने उद्योग जगत से कहा कि सरकार हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक ईंधन सेल, हाइड्रोजन भंडारण और अन्य प्रौद्योगिकियों के लिए अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने में उद्योग के साथ साझेदारी करेगी। “अनुसंधान एवं विकास रोडमैप में सरकार, उद्योग और आईआईटी के बीच क्रॉस-कटिंग साझेदारी होगी, जिससे पेटेंट भी हम सभी को समान रूप से मिल सके। इसलिए, आइए और हमारे साथ साझेदारी कीजिए, यह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और हम यहां भारत में विकसित समाधान को प्राथमिकता देते हैं।”

(Source: PIB)

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