लखनऊ, 17 दिसम्बर:
देश के गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्र सरकार राज्यों के साथ सतत संवाद कर रही है। किसानों को उनका गन्ना का बकाया मिले और किसी तरह की समस्या न हो इसके लिए राज्यों को सख़्त निर्देश दिए गए है। अभी देशभर में चीनी मिलों में गन्ना पैराई सत्र चल रहा है।
देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ना पैराई सत्र के दौरान किसानों को किसी तरह की परे़शानी न हो इसके लिए राज्य सरकार के गन्ना एवं चीनी विकास विभाग ने सभी चीनी मिलों को निर्देश दे रखे है। शासन के निर्देशों की पालना में गन्ना पैराई सत्र को लेकर चीनी मिले अपनी पूरी तैयारी के साथ काम कर रही है। सरकार के निर्देशों के तहत पिछले गन्ना सत्र का किसानों का जो बकाया था वो भी चुकाया जा रहा है। प्रदेश में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया की मीडिया को जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने कहा कि गन्ना किसानों को उनका गन्ना बकाया समय पर मिले इसके लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है। चीनी मिलों में पर्ची निगमन के बाद जल्द से जल्द किसानों को उनका बकाया उनके खाते में डाल दिये जाने की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का जो बकाया चल रहा है उसका भुगतान कर दिया जाए इसके लिए सभी चीनी मिलों को निर्देशित किया गया है। शासन के निर्देशों का परिणाम भी सकारात्मक रहा है। भूसरेड्डी ने कहा कि वर्तमान सरकार गन्ना किसानों के कल्याण व हितार्ष काम कर रही है।
गन्ना किसानों के बकाया का चीनी मिलों द्वारा भुगतान किए जाने के मसले पर मीडिया से बात साझा करते हुए उत्तर प्रदेश कॉपरेटिव सुगर फ़ैक्टरीज फ़ेडरेशन के प्रबंध निदेशक बिमल कुमार दुबे ने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों के प्रतिनिधियों को उनके गन्ना बकाया का भुगतान समय सीमा में कराने का आश्वासन दिया था। उसके बाद सभी चीनी मिलों को इसके लिेए निर्देशित करते हुए वित्तीय समायोजन करने की समय सीमा तय की गयी थी जिसके तहत अधिकांश चीनी मिलों ने किसानों का बकाया तय समय में दे दिया है जो एक अच्छी पहल है।
मुरादाबाद के युवा गन्ना किसान मोहम्मद रज़्ज़ाक़ ने कहा कि सरकार ने बीते दो साल से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया है। जब सरकार बनी थी तब मात्र 10 रुपये बढ़ाये थे। इसके बाद गन्ना किसानों ने आंदोलन किया तो सरकार की नींद खुली है और आनन फ़ानन में चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के दबाव बनाकर किसानों के ग़ुस्से को शान्त करने का काम किया गया है। ख़ैर जो भी हो कई दिनों से गन्ना बकाया की आस में बैठे किसानों को उनका अटका हुआ पैसा मिला है जिसकी ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ़ तौर पर देखी जा सकती है ।
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