कोल्हापुर : चीनी मंडी
महाराष्ट्र के महसूल मंत्री चंद्रकांत पाटील ने चीनी उद्योग को आश्वस्त करते हुए बताया की, पिछले चार सालों से सरकारद्वारा चीनी उद्योग को लगातार मदद की जा रही है, इस साल भी मदद की जाएगी । लेकिन उन्होंने यह भी बताया की, चीनी मिलों को भी एफआरपी भुगतान कानूनी तौर पर एकमुश्त और 15 दिन के भीतर करना अनिवार्य है। चीनी उद्योग के प्रतिनिधी सरकारद्वारा ठोस सहायता की घोषणा किए बिना मौसम शुरू नहीं करने पर दृढ़ रहे। उनका कहना है की, बाजार मे अभी जो चीनी की कीमत है, उसे देखा जाए तो किसान संगठनों की मांग छोड़ दें; लेकिन एकमुश्त एफआरपी देना भी मुश्किल है। सरकार की मदद के बिना मौसम शुरू करना बिल्कुलही नाममुकीन है।
चीनी दर, बैंकों से निकासी और एफआरपी की मात्रा के बीच एक बड़ा अंतर है। सरकार को बैंकों और एफआरपी से आय को कम करने में मदद करनी चाहिए। चीनी मिलों के प्रतिनिधीओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बैठक की मांग की। मंत्री पाटील ने स्पष्ट किया की, एफआरपी में कमी के बारे में मुख्यमंत्री के साथ तुरंत बैठक आयोजित की जाएगी; लेकिन उन्होंने चीनी मिलें शुरू करने के लिए कहौ। हालांकि, जब तक चीनी मिलों की सहायता के बारे में सरकारद्वारा ठोस घोषणा नहीं की जाती है, तब तक मिलें सीजन शुरू नही करने के फैसले पर बैठक में दृढ़ बने रहे। बैठक में जिल्हा बँक के अध्यक्ष आ. हसन मुश्रीफ,शाहू चीनी मिल के अध्यक्ष समरजितसिंह घाटगे, चंद्रदेप नरके, गणपतराव पाटिल, संजय मंडलिक, अशोक चराटी, माधवराव घाटगे, राजेंद्र पाटिल-यड्रावकर, हरीश चौगले, पी.जी. मेढे उपस्थित थे।