नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चीनी और अनाज आधारित फीडस्टॉक से एथेनॉल के उत्पादन के लिए नए दिशानिर्देश लेकर आई है। ये दिशा निर्देश चीनी मिलों और B-हेवी, C-हेवी मोलासेस, गन्ने का रस, चीनी और चीनी की चाशनी, मक्का, टूटे चावल, अधिशेष चावल, भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त अनाज, आदि से एथेनॉल के उत्पादन से संबंधित हैं।
शुक्रवार को जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सत्यापन करने वाली एजेंसियों को सत्यापन रिपोर्ट की एक प्रति चीनी और वनस्पति तेल निदेशालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को एक पखवाड़े के भीतर भेजनी होगी। जारी किए गए दिशा-निर्देशों में चीनी/मोलासेस-आधारित एथेनॉल डिस्टिलरी और अनाज आधारित डिस्टिलरी शामिल हैं। ये मानदंड डिस्टिलरीज को विभिन्न मार्गों से उत्पादित एथेनॉल की मात्रा की पहचान करने में मदद करेंगे। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इन डिस्टिलरी इकाइयों को एक समय में एक प्रकार के फीडस्टॉक से संचालित किया जाएगा।