कोल्हापुर: केंद्र सरकार द्वारा अगले सीजन में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की अटकलें लगाईं जा रही है। लेकिन भारत की पिछले कुछ सालों में चीनी निर्यात के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बनी मजबूत स्थिति, ब्राजील और थाईलैंड जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों के बाजार पर कब्ज़ा करने की संभावना और भारतीय चीनी उद्योग पर इसका होने वाले असर को देखते हुए चीनी उद्योग के विशेषज्ञों को लगता है की सरकार निर्यात प्रतिबंध के मुद्दे पर कोई सीधा नीतिगत निर्णय नहीं लेगी। ‘चीन मंडी’ से बात करते हुए कुछ विशेषज्ञों ने कहा की, केंद्र सरकार अक्टूबर में सीजन शुरू होने के बाद देश में संभावित गन्ने और चीनी उत्पादन का आकलन कर दिसंबर या जनवरी के अंत तक निर्यात को लेकर ठोस फैसला ले सकती है।
ISMA द्वारा आगमी सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट का अनुमान…
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने 1 अगस्त 2023 की बैठक में 2023-24 सीज़न के लिए कुल 362 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। लगभग 45 लाख टन चीनी को एथेनॉल उत्पादन में लगाने के बाद, चीनी का उत्पादन लगभग 317 लाख टन होगा। ISMA ने यह भी कहा कि, इसमें से लगभग 275 लाख टन चीनी की घरेलू खपत के लिए आवश्यकता होगी। ISMA के अनुमान के मुताबिक, 42 लाख टन चीनी सरप्लस रह सकती है। हालाँकि, पश्चिमी महाराष्ट्र और दक्षिणी कर्नाटक के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों को छोड़कर, मानसून वर्षा वर्तमान में औसत से कम है। अपर्याप्त वर्षा का सीधा असर 2023-24 सीज़न में चीनी उत्पादन पर पड़ेगा। इसलिए, केंद्र सरकार ने पहले ही मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और चीनी उद्योग और एथेनॉल उत्पादन में व्यवधान को रोकने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है।
महंगाई रोकने के लिए सरकार का प्रयास जारी…
स्थानीय बाजारों में चीनी की कीमतें दो साल में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, जिससे सरकार को अगस्त में मिलों को अतिरिक्त 200,000 टन चीनी बेचने की अनुमति मिल गई। एक सरकारी सूत्र ने कहा, खाद्य मुद्रास्फीति चिंता का विषय है। चीनी की कीमत में हालिया वृद्धि ने निर्यात को मुश्किल बना दिया है। केंद्र सरकार दोहरी दुविधा में फंस गई है कि, देश के चीनी उद्योग को नुकसान न हो और साथ ही जनता को महंगाई की मार न झेलनी पड़े। सरकार को समन्वय बनाकर इसका रास्ता निकालना होगा।
चीनी निर्यात को लेकर आशावादी: प्रकाश नाइकनवरे
नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ के कार्यकारी निदेशक प्रकाश नाइकनवरे के अनुसार, 2022-23 के लिए चीनी निर्यात अधिसूचना 30 सितंबर, 2023 को समाप्त हो रही है। इस साल सरकार द्वारा दिया गया 61 लाख टन का निर्यात कोटा खत्म हुआ है। इसलिए सरकार द्वारा निर्यात के संबंध में कोई नई अधिसूचना जारी करने की संभावना नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने चीनी निर्यात के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसलिए सरकार निर्यात प्रतिबंध की घोषणा कर इस पर आंच नहीं आने देगी। जनवरी 2024 में देश में चीनी उत्पादन की समीक्षा के बाद चीनी उद्योग केंद्र सरकार से निर्यात की अनुमति लेने का प्रयास करेगा। प्रकाश नाइकनवरे ने जनवरी 2024 के बाद कुछ हद तक भारत से चीनी निर्यात की उम्मीद जताई है।
सरकार समन्वयकारी भूमिका निभाए: पी.जी.मेढे
वरिष्ठ चीनी उद्योग विशेषज्ञ पी.जी.मेढे ने कहा कि, देश के गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में बारिश की कमी के कारण गन्ना उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। इसलिए, केंद्र सरकार घरेलू चीनी आवश्यकता और संभावित चीनी उत्पादन की समीक्षा करेगी और निर्यात नीति तय करेगी। उम्मीद है कि सरकार आगामी सीजन शुरू होने के बाद अक्टूबर में अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी। मेढे ने यह भी बताया कि, ऐसा करते समय सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चीनी उद्योग को भी नुकसान न हो।