सूरत: सूरत जिले में बारडोली और चलथान स्थित चीनी मिलें अब न केवल चीनी, खोई और मोलासेस बेचेंगी, बल्कि बिजली भी बेचेंगी। बारडोली शुगर ने 21 मेगावाट बिजली उत्पादन प्लांट स्थापित किया है, जबकि चलथान शुगर ने 10 मेगावाट और 3 मेगावाट प्लांट स्थापित किए हैं। बारडोली शुगर को इन सुविधाओं के माध्यम से सालाना 20 करोड़ रुपये की बिजली पैदा करने की उम्मीद है, जबकि चलथान शुगर को इन सुविधाओं के माध्यम से 8 करोड़ रुपये की बिजली पैदा हो सकती है।
बारडोली, चलथान और नर्मदा चीनी मिलें अपने संयंत्रों को चलाने के लिए स्वयं उत्पादित बिजली का उपयोग करेंगी। शेष बिजली सरकार को बेची जाएगी। नए प्लांट अगले चार महीनों में चालू होने की संभावना है। अक्टूबर-नवंबर से मार्च-अप्रैल की अवधि में बॉयलर के संचालन के घंटों के दौरान बिजली पैदा की जाएगी।