गुरदासपुर: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सहकारी चीनी मिल गुरदासपुर में 413.80 करोड़ रुपये की लागत से मौजूदा क्षमता 2000 टीसीडी से बढ़ाकर 5000 टीसीडी करने की आधारशिला रखी। शिलान्यास के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि, बढ़ी हुई क्षमता के साथ मिल गन्ने की पेराई करने के अलावा राज्य ग्रिड को 20 मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर सकेगी।
उन्होंने कहा कि, यह परियोजना 413.80 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएगी, जिसमें प्लांट, मशीनरी और सिविल कार्यों की स्थापना पर 369 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इसके अलावा, 120 केएलपीडी क्षमता का एक इथेनॉल संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है क्योंकि निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। चन्नी ने कहा कि, 5000 टीसीडी क्षमता के साथ एक 28 मेगावाट की सह-उत्पादन परियोजना भी मिल में आएगी। मिल न केवल बिजली पैदा करेगी बल्कि सल्फर रहित चीनी भी बनाएगी।
उपमुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने संबोधन में चन्नी को अवगत कराया कि गुरदासपुर चीनी मिल छह मिलों को गन्ने की आपूर्ति कर रही है। रंधावा ने पिछली अकाली-भाजपा सरकार पर गन्ना किसानों और चीनी मिलों के हितों की जानबूझकर अनदेखी करने की आलोचना करते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब और सहकारी व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि पंजाब की अब तक की सबसे बड़ी 600 करोड़ रुपये की परियोजना की स्थापना की जा रही है और गुरदासपुर में 215 करोड़ रुपये के एथेनॉल प्लांट के लिए भी मंजूरी मिल गई है।