हापुड़, उत्तर प्रदेश: गन्ने की कमी के कारण सिंभावली चीनी मिल ‘नो-केन’ की स्थिति से जुझने लगी है। मिल का वर्तमान पेराई सत्र मार्च के अंत अथवा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बंद होने की संभावना है। गन्ना भुगतान में हो रही देरी से किसानों ने गन्ना फसल से दुरी बना ली है, जिसका सीधा असर मिलों के पेराई पर होते दिखाई दे रहा है।
कोल्हुओं पर गन्ना सरकारी दाम 370 रुपये से अधिक पर खरीदा गया तो वहीं दूसरी मिलों अथवा छोटे क्रेशरों ने 400 रुपये प्रति क्विंटल तक गन्ना खरीदा, जिस कारण जिले की सिंभावली चीनी मिल के सामने पेराई सत्र समय से पूर्व बंद होने के पूर्ण आसार बन गए है।
दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, वर्तमान में सिंभावली चीनी मिल पर पिछले करीब दो सप्ताह से प्रतिदिन दस हजार क्विंटल से अधिक गन्ना कम आ रहा है। सीजीएम करण सिंह ने बताया कि पिछले सत्र के मुकाबले इस वर्ष करीब 20 लाख क्विंटल गन्ना कम आया है, जिससे मिल के समय पूर्व बंद होने के आसार बन रहे है। हालांकि ब्रजनाथपुर चीनी मिल को अभी तक गन्ना पूर्ण रुप से मिल रहा है।