पानीपत: पुरानी शुगर मिल की मशीनरी बिक्री प्रक्रिया अब जांच के घेरे में फंस गई है।आपको बता दे की, मशीनरी के बिक्री में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप लगाया जा रहा है।अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, पुराने शुगर मिल की मशीनरी को खरीदने के संबंध में प्रबंधन के साथ हुए एक एजेंसी के करीब 12.60 करोड़ के सौदे के खिलाफ दूसरा पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गया।हाईकोर्ट के आदेशों पर एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को शुगर मिल में मामले की जांच के लिए पहुंचा।याचिकाकर्ता का आरोप है कि, शुगर मिल के सौदे में उनको अयोग्य करार कर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था।जबकि वे शुगर मिल की मशीनरी को किए गए करार से ज्यादा रेट में खरीदने को तैयार थे।
कोर्ट के निर्देशानुसार प्रतिनिधिमंडल को एमडी शुगर मिल के मिलने और पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच कर याची को संतुष्ट करने के लिए आगाह किया गया।खबर में आगे कहा गया है की, जिस पर निर्धारित समय अनुसार हाईकोर्ट से दो वकील, पक्ष के अधिकारी और दो सुरक्षा कर्मी नई शुगर मिल पहुंचे।यहां उन्होंने पुरानी शुगर मिल की खरीद फरोख्त संबंधित दस्तावेज प्रबंधन से मांगे। इस मामले के निपटान के लिए अब एक सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है।
जानकारी के अनुसार,गोहाना रोड स्थित पुरानी शुगर मिल की मशीनरी को बेचने के लिए प्रबंधन की ओर से दो बार टेंडर लगाए गए।पहली बार करीब छह-सात करोड़ का टेंडर था, जो सफल नहीं हो सका।दूसरी बार मिल की ओर से इसका टेंडर करीब साढ़े आठ करोड़ का लगाया गया।इसमें 14 एजेंसियों ने भाग लिया।इनमें से सात एजेंसी टेंडर प्रक्रिया के तकनीकी चरण में बाहर हो गई। बाकी बची सात एजेंसी का तकनीकी चरण पूरा होने के बाद इनके वित्तीय चरण में सबसे ज्यादा रेट लगाने वाली गुजरात की एजेंसी को ये टेंडर प्रबंधन ने करीब 12.60 करोड़ की लागत में तय करना स्वीकार किया गया।
अब तकनीकी चरण में फेल हुई एक लुधियाना की एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई कि उनको गलत तरीके से बाहर किया गया है।उनका दावा है कि उनके रेट दूसरी एजेंसी से ज्यादा थे।उन्होंने दावा किया है कि उनके रेट 12.87 करोड़ थे।इस पर हाईकोर्ट की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल को शुगर मिल में भेजा गया।हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अभी तक एजेंसी को वर्क ऑर्डर जारी नहीं किया है।शुगर मिल के एमडी मनदीप सिंह ने कहा की, पुरानी शुगर मिल को बेचने के टेंडर वाले मामले में एक टीम शुगर मिल पहुंची थी। इसमें हाईकोर्ट के आदेशानुसार टीम का सहयोग किया गया। शुगर मिल की ओर से निष्पक्षता से काम किया जा रहा है।इस प्रकरण की मिल के पास एक अलग जांच कमेटी भी है, जो मामले को देख रही है।