अंबाला : चालू सीजन के लिए गन्ने के लिए राज्य द्वारा अनुमोदित मूल्य (एसएपी) तय करने में राज्य सरकार की देरी के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (चारूनी) के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। चारुणी गुट ने उत्तरी हरियाणा क्षेत्र के नारायणगढ़, शाहाबाद, यमुनानगर, करनाल, कैथल, असंध और पानीपत में चीनी मिलों के सामने सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और बाद में मिल प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। गुट के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने शाहाबाद में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
कृषि अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष राज्य में लगभग 90,000 हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई है और उत्पादन लगभग 70 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है।किसानों ने आरोप लगाया है कि, सरकार को उनकी कोई चिंता नहीं है और कीमतों की घोषणा नहीं की जा रही है, जबकि सभी निजी और सहकारी चीनी मिलों में पेराई पिछले महीने शुरू हुई है। चारूनी ने कहा कि, पड़ोसी पंजाब राज्य ने पहले ही गन्ने का एसएपी 380 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखा है, लेकिन हरियाणा ऐसा करने में नाकाम रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर सरकार एसएपी को मौजूदा 362 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 450 रुपये कर गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी करने में विफल रहती है तो वे जनवरी में आंदोलन शुरू करेंगे। पिछले कई वर्षों से, हरियाणा गन्ने के लिए सबसे अधिक भुगतान करने वाला राज्य रहा है, लेकिन हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा घोषित 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के बाद, पड़ोसी राज्य में अब उच्चतम 380 रुपये प्रति क्विंटल का एसएपी है।