यमुनानगर : हरियाणा में इस पेराई सीजन में गन्ना उत्पादन में गिरावट होते दिखाई दी। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा गन्ना किसानों और चीनी मिलों को उठाना पड़ रहा है। गन्ने की खेती की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन उत्पादन में गिरावट से उनके मुनाफे में भी गिरावट हुई है। दूसरी ओर गन्ने की कमी से मिलों को पूरी क्षमता से गन्ना पेराई करने में बाधाएं आ रही है, और इससे उनको भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
‘पंजाब केसरी’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, हरियाणा की सभी 14 चीनी मिलों को इस बार पिछले साल की अपेक्षा गन्ना कम सप्लाई हुआ है। प्रदेश की जो चीनी मिल हर साल मई जून तक चलती थी वह गन्ना न मिलने के कारण बंद हो चुकी हैं। हरियाणा के गन्ना उत्पादक किसान नेता सतपाल कौशिक के अनुसार, गन्ने की खेती कई सालों से घाटे का सौदा साबित हो रही है। उसके साथ-साथ गन्ना में कीट पतंगे व बीमारियों के कारण गन्ने की पैदावार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष हरियाणा में 150 लाख क्विंटल गन्ना कम हुआ है। जिससे इस बार किसानों को 500 करोड़ से अधिक का नुकसान होने की आशंका है, वहीं चीनी मिलें भी इस नुकसान से अब बच नहीं पाई है।