हरियाणा सरकार चीनी मिलों को मुहैया कराएगी आर्थिक मदद

पानीपत, 16 सितम्बर: हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतिक दल किसानों पर अपना ध्यान केन्द्रित कर चुनाव पूर्व घोषणाओं का पिटारा खोल रहे है वहीं सत्ता धारी दल भाजपा भी इस काम में पीछे नहीं है। प्रदेश के गन्ना किसानों और चीनी मिलों को प्रोत्साहन देने और ग्रामीण युवाओं को रोज़गार देने के लिए सरकार चीनी मीलों को गुड़ और खाडंसारी उद्योग लगाने के लिए प्रेरित कर रही है। प्रदेश के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने पानीपत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि चीनी मिलों के आर्थिक राजस्व की प्राप्ति के लिए चीनी मिल के साथ गुड़ व खांडसारी उद्योग भी लगाना चाहिए। इसके लिए सरकार उन्हें सहकारी बैंकों के माध्यम से सस्ती दर पर ऋण भी उपलब्ध कराएगी। ग्रोवर ने कहा कि इससे चीनी मिलों को अतिरिक्त आमदनी होगी तो गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि गुड़ और खाडंसारी उद्योग घरेलू उद्योग है इसे व्यावसायिक बनाने की ज़रूरत है ताकि स्थानीय स्तर पर ग्रामीण युवाओं को रोज़गार दिलाया जा सके। मंत्री ने कहा कि सरकार पहले से चल रहे घरेलू गुड़ उद्योग चलाने वाले छोटे उद्यमियों को भी प्रोत्साहन दे रही है । सरकार की किसान हितैषी नीतियों का वजह से सूबे में गन्ना उत्पादन में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। ऐसे में गन्ने का सदुपयोग कर उससे गुड़ और खांडसारी को व्यावसायिक तौर पर बढावा देकर इसे बड़े उद्योग में तब्दील करने का काम किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि इसके लिये सरकार ने पहले ही कमेटी गठित कर उसकी रिपोर्ट को लागू कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ जो भी चीनी मिल या अन्य व्यक्ति इस काम में रूचि लेगा उसे आधुनिक तकनीक से युक्त खाडंसारी व गुड़ की फ़ैक्टरी लगाने के लिए सरकार वित्तीय मदद देगी। मंत्री ने कहा कि पहले से चल रही लघु इकाईयों को बडे उद्योग में बदलने के लिए चीनी मिलों का सहयोग ज़रूरी है। जो मिल लगेगी पूरी तरह से स्वचालित होंगी।

सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा स्टेट कॉपरेटिव अपेक्ष बैंक के चेयरमैन गुलशन भाटिया ने कहा कि सरकार निर्णय सराहनीय है। गुड़ और खाडंसारी उद्योग लगाने वाले उद्यमियों और चीनी मिलों को हम सस्ती दर पर ऋण देंगे। जो व्यक्ति घरेलू स्तर पर काम कर रहे है उन्हें भी वित्तीय मदद दी ज़ाएगी। पढ़े लिखे जो ग्रामीण युवा इस क्षेत्र में आने के इच्छुक है उनको आसान शर्तों पर लोन दिया जाएगा। भाटिया ने कहा कि सरकार का मक़सद चीनी मिलों, गन्ना किसानों और युवाओं को लाभ दिलाना है जिसके लिए कमेटी ने ये निर्णय लिया है। हरियाणा चीनी मिल संघ के नेता सुरेश यादव ने कहा कि चीनी मिलों में अब पहले जैसा मुनाफ़ा नहीं रहा। इसलिए हम अब चीनी के साथ साथ गुड़ और खाँड़सारी इकाई लगाने की सोच रहे है इसमें सरकार से कितनी मदद मिलती है इस पर हमारा आगे का प्लान रहेगा।

नांगल चौधरी गाँव के छोटे उद्यमी राजवीर ने कहा कि अब तक हम घर में ही गुड़ तैयार करते आए है लेकिन अब सरकार मदद कर रही है इसलिए हम भी आधुनिक मशीन लगाकर इस काम को तकनीक से जोड़ना चाहते है ताकि आगे हमारे बच्चों को लिए भी स्थाई रोज़गार के विकल्प बने।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से कृषि स्नातक छात्र मनीष ने कहा कि सरकारी जॉब मिल नहीं रही है । हमारे इलाक़े में गन्ना बहुत होता है तो वही पर गुड़ व खाडंसारी उद्योग लगाने की सोच रहा हूँ। जल्द ही इस पर काम शुरु कर ऋण के लिए आवेदन करूँगा ।

ग़ौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा गन्ना किसान और चीनी मिलों के आर्थिक उन्नयन के लिये की जा रही खांडसारी व गुड़ उद्योग को बढावा देने की पहल से किसानों को एवं मिलों को कितना फ़ायदा होगा ये तो भविष्य में पता चलेगा लेकिन बेरोज़गार युवाओं के लिए स्वरोजगार के रास्ते ज़रूर खुल जाएँगे।

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