करनाल: करनाल सहकारी चीनी मिल ने भुगतान के मामले में प्रदेश की सभी चीनी मिलों को पीछे छोड़ दिया है। इतनाही नही भुगतान और पेराई के मामले में सहकारी शुगर मिल प्रदेश के दूसरे मिलों के सामने मॉडल के तौर पर उभरी है। गन्ने के वेस्ट से मिल ने करोड़ों रुपए की अतिरिक्त कमाई की है, और जिससे शुगर मिल पहली बार मुनाफा कमाने वाली सहकारी इकाई बन गई है।
दैनिक ट्रिब्यून ऑनलाइन में प्रकाशित खबर के अनुसार, मिल के प्रबंध निदेशक हितेन्द्र कुमार ने कहा कि, मिल और किसानों के बीच बेहतर तालमेल के साथ हम गन्ना किसानों को समय पर भुगतान कर रहे है। उन्होंने कहा कि,18 मेगावाट बिजली उत्पादन जिसमें 5 मेगावाट से 6 मेगावाट के बीच की आंतरिक खपत के बाद बाकी बिजली एचपीपीसी को भेजी जा रही है। हरियाणा बिजली खरीद केंद्र को बिजली की आपूर्ति कर मिल ने चालू पेराई सत्र के दौरान 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित की है। उन्होंने कहा कि, इस मिल ने अपनी पेराई क्षमता को 2,200 टन गन्ना प्रतिदिन से बढ़ाकर 3,500 टीसीडी कर लिया है।तकनीकी दक्षता, पेराई क्षमता और किसानों को समय से भुगतान के चलते करनाल शुगर मिल प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक अवॉर्ड हासिल कर चुकी है।