कैथल : बढती फसल लगत और महंगाई से छुटकारा पाने के लिए कृषि वैज्ञानिक गन्ना किसानों को अंतरफसलीकरण करने की सलाह दे रहे है। इस तकनीक से किसानों की आमदनी में अच्छी खासी बढ़ोतरी होने की संभावनाएं है। चीनी मिल कैथल के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार ने कहा की, अंतरफसलीकरण करते समय ऐसी फसल का चुनाव करें जो कि कम समय यानि तीन से चार महीने में पककर तैयार हो जाए और गन्ने पर छाया न करें।
उन्होंने बताया कि, इस समय किसान प्याज और गन्ना लगाकर अपनी आय को डेढ़ से दोगुना तक बढ़ा सकते है। जिसको बेड प्लाटिंग विधि सें आसानी से कर सकते है। लहसुन, धनिया व प्याज जैसी फसल गन्ने में चोटी बेधक व कंसुआ के प्रकोप को कम करती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गन्ने की शरदकालीन बुवाई फसल क्षेत्रफल के लगभग 10-12 प्रतिशत हिस्से में की जाती है। उन्होंने किसानों से कहा की, गन्ने की फसलें वही उगाए जो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से अनुमोदित की गई है, जिसमें सी.ओ.-118, सी.ओ.एच.-160, सी.ओ.-15023, सीओ 239 इत्यादि शामिल है।