हरियाणा : पोक्का बोईंग और मिली बग कीट का प्रकोप, गन्ने की फसल पर खतरा!

यमुनानगर:जिले के गन्ना किसानों के सामने अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है,और यह मुसीबत दूसरी-तीसरी कोई नही कीटों के हमले की है। पहले से सूखे की मार झेल रही गन्ने की फसल अब पोक्का बोईंग वायरस की चपेट में आ गई है।इससे किसानों में हडकंप मच गया है। किसान फसल को बचाने की कोशिशों में जुट गये है, और दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं।करीब चार हजार एकड़ फसल कीटों के चपेट में आई है। रोकथाम के लिए सरस्वती शुगर मिल की ओर से अनुदान पर किसानों को दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विशेषज्ञों की टीम लगातार फील्ड में नजर रखे हुए है।

जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जिले में करीब 85 हजार एकड़ में गन्ने की फसल खड़ी है। फसल पर पोक्का बोइंग के साथ साथ मिली बग नामक कीट का प्रकोप भी बढ़ रहा है।आपको बता दे की, पोक्का बोइंग रोग जुलाई, अगस्त व सितंबर माह में देखने को मिलता है। बारिश आने के साथ तथा तापमान में कमी और वातावरण में नमी बढ़ना इस रोग के फैलने की सबसे अनुकूल स्थिति मानी जाती है। इस रोग के चलते गन्ने की बढ़वार रुक जाती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक पोक्का बोइंग रोग की रोकथाम के लिए खेत को खरपतवार से मुक्त रखें। गन्ने की बुआई सदैव फफूंदनाशक से उपचारित करके ही करें। उचित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें। रोग से प्रभावित गन्ने को खेत से बाहर निकालकर नष्ट कर दें। इसकी रोकथाम के लिए टेबुकोनाजोल 400 मिली लीटर प्रति एकड़ 300 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। एसएसएम के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट डीपी सिंह ने बताया कि, किसान फसल की नियमित रूप से देखरेख करते रहें। गन्ने की फसल को स्वस्थ रखने के लिए केवल नमी बनाए रखें। खेत को पानी से भरने की जरूरत नहीं है। यदि खेत में पानी भरा होगा तो फसल में रोग व कीटों का प्रकोप अधिक होगा।

चीनी उद्योग के बारे में अधिक समाचार पढ़ने के लिए,Chinimandi.com पढ़ना जारी रखें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here