यमुनानगर : जिले में गन्ने का रकबा बढ़ाने के लिए सरस्वती चीनी मिल ने किसानों को गन्ना लगाने पर प्रति एकड़ की दर से 5000 रुपये अनुदान राशि देने का फैसला किया है। साथ ही विभिन्न कीटनाशकों पर भी 20 प्रतिशत अनुदान, गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों की रोकथाम के लिए किसानों को ट्रैप व लियोर (कैप्सूल) मुफ्त देने का ऐलान किया है। मिल के इस पहल का गन्ना किसानों ने स्वागत किया है। प्रदेश की अन्य मिलें भी सरस्वती मिल के नक्शेकदम पर चलने की संभावना है।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पेराई सीजन वर्ष 2024-25 में सरस्वती मिल ने गन्ना उत्पादक किसानों को विशेष सुविधाएं देने का फैसला लिया है। मिल के एमडी आदित्य पुरी की बेटी नैना पुरी की उपस्थिति में शुक्रवार को मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसके सचदेवा ने इस योजना की शुरुआत की। एसके सचदेवा ने कहा कि, किसान हर साल जो गन्ना बिजाई करते हैं, यदि वह अब उससे ज्यादा रकबा में गन्ना लगाते हैं, तो बढ़े हुए क्षेत्र पर 5000 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा। किसान जितना चाहे गन्ना लगा सकते हैं, प्रति एकड़ अनुदान की कोई लिमिट नहीं है।
इसके अलावा विभिन्न कीटनाशकों पर 20 प्रतिशत की दर से अनुदान व मिल से निकलने वाली मैली और गन्ने में लगने वाली बीमारी टॉप बोरर की रोकथाम के लिए ट्रैप व कैप्सूल मुफ्त दिए जाएंगे। इन योजनाओं का लाभ किसान तभी ले सकता है, जब वह 85 प्रतिशत गन्ना सरस्वती मिल को देंगे। इसके लिए किसानों को शुगर मिल में अपना पंजीकरण कराना होगा। 22 अप्रैल से पंजीकरण शुरू हो जाएगा।
एसके सचदेवा ने बताया कि, सीजन 2023-24 में जिन किसानों ने 85 प्रतिशत से अधिक गन्ना सप्लाई किया है उन्हें लक्की ड्रा के माध्यम से करीब आठ लाख रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे। यह योजना सीजन 2024-25 में गन्ना उत्पादन का 85 प्रतिशत से अधिक सप्लाई करने वाले किसानों पर लागू रहेगी। गन्ने की कमी के चलते इस बार सरस्वती मिल समय से पहले ही बंद हो गई थी।