यमुनानगर : पर्याप्त गन्ना न मिलने के कारण सरस्वती शुगर मिल को समय से पहले ही बंद करना पड़ा। इस पेराई सत्र में शुगर मिल में करीब 13 लाख क्विंटल चीनी का ही उत्पादन हो सका। गन्ने की कमी के चलते मिल पूरी क्षमता से पेराई करने में नाकाम रही। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, 12 नवंबर से चली शुगर मिल में इस बार केवल 140 लाख क्विंटल गन्ने की ही पेराई हो सकी, जबकि मिल प्रबंधन ने 160 लाख क्विंटल पेराई का लक्ष्य रखा था। लगातार कम हो रहा गन्ने का रकबा पेराई पर असर डाल रहा है।
सरस्वती शुगर मिल सोमवार रात 12 बजे के बाद बंद हो गई। शुगर मिल की क्षमता रोजाना एक लाख क्विंटल गन्ना पेराई करने की है। एक लाख क्विंटल गन्ना चलाने के लिए मिल की रोजाना दो यूनिट चलानी पड़ती हैं। 15 मार्च से शुगर मिल में गन्ना कम आ रहा था। 29 मार्च तक शुगर मिल में हर रोज एक लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई। इसके बाद मिल चलाने के लिए आधा गन्ना भी नहीं मिल रहा था। जिससे शुगर मिल को एक यूनिट बंद करनी पड़ी।
तब से अब तक एक यूनिट ही चल रही थी। गन्ना कम होने के चलते इस यूनिट को भी धीमी गति से चलाया जा रहा था। अप्रैल 2024 में शुगर मिल में कुल 146 लाख 63 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो पाई थी, जबकि लक्ष्य 175 लाख क्विंटल गन्ने का था। गन्ने की कमी को देखते हुए पिछले साल शुगर मिल ने गन्ना पेराई का लक्ष्य घटा कर 160 लाख क्विंटल कर दिया था। परंतु इस बार भी मिल लक्ष्य को छू नहीं सकी ओर 140 लाख क्विंटल की ही पेराई हो सकी।