यमुनानगर: हरियाणा के गन्ना किसानों का आरोप है कि, गुड़ बनाने वाले उनसे राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) से काफी कम कीमत पर गन्ना खरीद कर उनका शोषण कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि, राज्य सरकार को गुड़ इकाइयों (जिन्हें कोल्हू के नाम से जाना जाता है) के लिए एक नीति बनानी चाहिए, ताकि इन इकाइयों के मालिक/संचालक किसानों से एसएपी से कम दरों पर गन्ना न खरीदें। आपको बता दे की, राज्य सरकार ने पिछले साल गन्ने का एसएपी 362 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था और इस साल सरकार ने अभी तक एसएपी तय नहीं किया है।
राज्य की सभी चीनी मिलें SAP पर गन्ना खरीद करती हैं। हालांकि, किसानों के अनुसार, गुड़ निर्माता 260 रुपये से 270 रुपये प्रति क्विंटल के बीच कुछ भी दर दे रहे हैं। किसान नेता सतपाल कौशिक ने सीएम विंडो पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है कि गुड़ बनाने वाली इकाइयां उनसे SAP से कम दरों पर गन्ना खरीदकर किसानों का शोषण कर रही हैं। जानकारी के अनुसार सभी गन्ना किसान कई कारणों से चीनी मिलों के साथ गन्ना आपूर्ति का समझौता नहीं कर पाते हैं और गुड़ इकाइयों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने को विवश हैं। गुड़ इकाई के संचालक प्रतिदिन गन्ने की मांग व आपूर्ति के अनुसार गन्ने के दाम तय करते हैं। जब गन्ने की अधिक आपूर्ति होती है, तो वे कम दरों का भुगतान करते हैं और जब आपूर्ति कम होती है तो वे उच्च दरों की पेशकश करते हैं।