पानीपत : पेराई सत्र के उद्घाटन के चार दिन बाद भी पानीपत सहकारी चीनी मिल में गन्ने की आवक धीमी होने के कारण अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। मिल में पिछले चार दिनों में मात्र 42500 क्विंटल गन्ने की आवक हुई है, और नई चीनी मिल की प्रतिदिन 50,000 क्विंटल गन्ने की पेराई करने की क्षमता है।सहकारिता राज्य मंत्री बनवारी लाल ने सांसद संजय भाटिया के साथ 15 नवंबर को मिल के पेराई सत्र का उद्घाटन किया था।
द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी मिल अधिकारियों ने इस सीजन में 67 लाख क्विंटल गन्ने के लिए जिले के 3,567 किसानों से टाई-अप किया है। अधिकारियों ने किसानों को दो लाख क्विंटल की पर्चियां बांट दी हैं, लेकिन अभी तक गन्ने की आवक ठीक से शुरू नहीं हो पाई है, जिससे मिल अभी तक पूरी क्षमता से चालू नहीं हो पाई है। अगर प्लांट कम क्षमता पर चलाया जाता है तो इससे बगास को नुकसान होगा और चीनी की रिकवरी भी प्रभावित होगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारी गन्ने की उचित आवक का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि मिल को लगातार चलाने के लिए पूरे स्टॉक की जरूरत है। प्लांट में 28 मेगावाट का टर्बाइन है, जिसे प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के लिए भी जरूरी है ताकि यूएचबीवीएन को 21 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा सके।
पानीपत सहकारी चीनी मिल के एमडी नवदीप सिंह ने कहा कि, घाटे से बचने के लिए हम 22 नवंबर के बाद प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने की योजना बना रहे है। उन्होंने कहा, मिल में अब तक केवल 42,500 क्विंटल गन्ना आ चुका है, जो बहुत कम है। उन्होंने कहा, मिल को ठीक से चलाने के लिए कम से कम चार दिनों के स्टॉक की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि, गन्ने की धीमी आवक का मूल कारण मजदूरों की कमी है क्योंकि अधिकतर मजदूर और किसान गेहूं की बुवाई और धान की कटाई में व्यस्त हैं। एमडी ने दावा किया कि, हम उम्मीद कर रहे हैं कि 22 नवंबर के बाद गन्ने की सही आवक शुरू हो जाएगी, जिसके बाद प्लांट पूरी क्षमता से चलेगा।