केपटाउन : दक्षिण अफ्रीका के कैनेग्रोवर्स ने चेतावनी दी है की, स्वास्थ्य संवर्धन लेवी (शुगर टैक्स) को जारी रखने से स्थानीय रूप से उत्पादित गन्ने के लिए वैकल्पिक बाजार खोजने के उद्योग के प्रयासों पर पानी फिर सकता है। दक्षिण अफ्रीका के कैनेग्रोवर्स संगठन 24,000 छोटे पैमाने के और 1,200 बड़े पैमाने के गन्ना उत्पादकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक उद्योग निकाय है, जिसने वित्त मंत्री हनोक गोडोंगवाना के बजट वोट की पूर्व संध्या पर यह चेतावनी दी है।
कैनेग्रोवर्स ने गोडोंगवाना को पत्र लिखकर उनसे चीनी कर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कहा है। गन्ने से निर्मित संधारणीय विमानन ईंधन (SAF) चीनी मूल्य श्रृंखला मास्टर प्लान 2030 के संदर्भ में पहचाने गए मुख्य नए राजस्व स्रोतों में से एक रहा है, जिसका उद्देश्य पिछले 10 वर्षों में सूखे, उच्च इनपुट लागत और सस्ते चीनी आयात के कारण उत्पादकों और प्रोसेसर द्वारा सामना किए गए घटते हेक्टेयर और उत्पादन की गिरावट को उलटना है।
2021 के उद्योग-वित्तपोषित शोध ने अनुमान लगाया कि उत्पादकों द्वारा प्रतिवर्ष उत्पादित 19 मिलियन टन गन्ने का 50% एथेनॉल उत्पादन की ओर मोड़कर, दक्षिण अफ्रीका स्थानीय या अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन बाजारों के लिए प्रति वर्ष लगभग 700 मिलियन लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर सकता है, जिसे फिर विमानन उद्योग के लिए 433 मिलियन लीटर संधारणीय ईंधन में परिवर्तित किया जा सकता है। ईंधन की यह मात्रा बोइंग 737-800 पर केपटाउन और जोहान्सबर्ग के बीच लगभग 34,000 वापसी उड़ानों को संचालित कर सकती है।
एसए कैनेग्रोवर्स के सीईओ डॉ. थॉमस फनके ने कहा, चीनी कर पहले से ही चुनौतीपूर्ण माहौल में गन्ना उत्पादकों पर अत्यधिक दबाव डालता है। यदि गन्ना उत्पादक उद्योग छोड़ देते हैं, तो जैव ईंधन और संधारणीय विमानन ईंधन जैसी वैकल्पिक परियोजनाओं की व्यवहार्यता खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि ये परियोजनाएँ फीडस्टॉक के रूप में गन्ने की स्थिर आपूर्ति पर निर्भर करती हैं। फुनके ने यह भी कहा कि, क्वाज़ूलू-नताल और मपुमलांगा की ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के लिए चीनी उद्योग के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता, क्योंकि छोटे और बड़े पैमाने पर गन्ना उत्पादक अक्सर ग्रामीण समुदायों में एकमात्र नियोक्ता होते थे, जहाँ नौकरियों के लिए बहुत कम विकल्प थे।
उन्होंने कहा कि, टिकाऊ विमानन ईंधन खेत स्तर पर मौजूदा नौकरियों की रक्षा कर सकता है, लेकिन खेतों और नए उद्योगों में नई नौकरियों और आर्थिक अवसरों का सृजन भी कर सकता है। नेडलैक के एक स्वतंत्र अध्ययन में पाया गया कि चीनी कर ने अपने पहले वर्ष (2018) में ही 16,000 से अधिक नौकरियों और R2 बिलियन की आय को नष्ट कर दिया। पिछले साल गोडोंगवाना ने उद्योग पर मुद्रास्फीति और पर्यावरणीय दबाव का हवाला देते हुए वृद्धि पर रोक लगा दी थी।
फुनके ने कहा, सरकार ने कर के आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करने का भी वादा किया था, जो अभी भी लंबित है। कर के बारे में हमारे पास एकमात्र ठोस सबूत यह है कि इससे नौकरियां चली गईं, फिर भी विदेशी-वित्तपोषित कार्यकर्ता अनुमान के आधार पर वृद्धि की मांग करते हैं, बिना इस बात की चिंता किए कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था नष्ट हो सकती है। फुनके ने बताया कि, यह कर एक अकादमिक मॉडलिंग अध्ययन पर आधारित था – जिसका समर्थन करने के लिए कोई वास्तविक साक्ष्य नहीं था।