गोरखपुर : केंद्र और राज्य सरकार ने पिछले कुछ सालों में एथेनॉल उत्पादन को काफी बढ़ावा दिया है। एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ने के साथ साथ मक्के का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है। मक्के की मांग बढ़ने से उसको अच्छा दाम भी मिल रहा है, और इसलिए किसानों की भी मक्के की खेती में दिलचस्पी बढ़ रही है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, गीडा स्थित आईजीएल के प्रयासों से आसपास के जनपदों के किसान मक्का की खेती से जुड़ रहे हैं। आईजीएल के मक्का वृद्धि प्रोजेक्ट से जुड़े किसानों को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामनिवास बगड़िया, क्षेत्रीय अधिकारी रोहित कुमार और आईजीएल के यशोवर्धन पाण्डेय फील्ड विजिट कर किसानों को जायद मक्का की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक परियोजना प्रभारी डॉ. शंकर लाल जाट ने बताया कि पूर्वांचल में मक्का की फसल लगा खरीफ, रबी व जायद में उत्पादन लिया जा सकता है। आईजीएल किसानों से सीधे मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर पर खरीद करेगा। मक्का का इस्तेमाल डिस्टलरी में एथेनॉल बनाने में किया जाएगा। आईजीएल के बिज़नेस हेड अध्यक्ष यूपीडीए एसके शुक्ल ने बताया कि हम डिस्टिलरी के नजदीकी क्षेत्र में मक्के की फसल की उत्पादन को बढ़ाने में जुटे हैं। इसके लिए निरंतर टीम किसानों से सम्पर्क कर रही है।